पीएलवी वासुदेव पंडित ने कहा कि बाल विवाह अपराध है. इस कानून के तहत 21 वर्ष से कम आयु के बालक तथा 18 वर्ष से कम आयु की बालिका का विवाह वर्जित है. ऐसा विवाह अगर संपन्न भी हुआ, तो वह शून्यकरणीय होगा. अवयस्क बालक अथवा बालिका अपने अभिभावक अथवा वयस्क मित्र की मदद से विवाह को रद्द करने या शून्य घोषित करने के लिए सक्षम न्यायालय में मुकदमा दायर कर सकेंगे. कहा कि 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बालकों से व्यवसायिक काम कराना अपराध है.
10 मई को लगेगी लोक अदालत
उन्होंने 10 मई को व्यवहार न्यायालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की भी जानकारी दी. कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बिजली, उत्पाद, वन, बैंकवाद, क्लेम समेत अन्य छोटे-छोटे वाद का निःशुल्क निष्पादन किया जायेगा. लोग आपसी समझौते के अनुसार छोटे-छोटे मुकदमे के निष्पादन के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत में आवेदन कर निबटारा कर सकते हैं. उन्होंने घरेलू हिंसा पर भी अपने विचार रखे. मौके पर पीएलवी आनंद पंडित, प्रीति कुमारी, अस्मिता कुमारी, गुड़िया देवी, पार्वती देवी, वीणा कुमारी, राधिका देवी, मधु देवी, दुखनी देवी समेत ग्रामीण मौजूद थे.
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