साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर पीसी डीएवी में कार्यक्रम, अधिकारियों ने दी सलाह
आधुनिक युग में साइबर अपराध एक व्यापक और गंभीर समस्या है. इसमें कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग करके अवैध और हानिकारक गतिविधियों को शामिल किया जाता है. जैसे हैकिंग, डेटा चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और ऑनलाइन उत्पीड़न है. यह समस्या दुनिया भर में फैली हुई है. ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा की जानकारी होना आवश्यक है जो हमारे परिवार को आने वाले खतरों से सजग करता है. आज के समय में जैसे जैसे हम डिजिटल युग की ओर हम बढ़ रहे, ठीक उसी तेजी से साइबर अपराधी हमें अपना शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराधी कई तरीके का उपयोग कर हमारे जीवन भर की कमाई को एक क्लिक में लूट रहे हैं. इसी कड़ी में साइबर अपराध की जानकारी देने को लेकर शुक्रवार को प्रभात खराब के द्वारा डुमरी के हेठनगर स्थित पीसी डीएवी पब्लिक स्कूल में साइबर क्राइम के बारे प्रभात खबर द्वारा आयोजित साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का आंदोलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुमित प्रसाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व विशिष्ट अतिथि जेंद्र प्रसाद पुलिस निरीक्षक डुमरी सर्किल थे. विद्यालय के निदेशक अनित कुमार सिंह व प्राचार्य अशोक कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया. मंच का संचालन विद्यालय के अंग्रेजी के वरिष्ठ शिक्षक अविनाश दास ने किया. करीब एक घंटे तक चली इस जागरुकता अभियान में छात्राओं को पूरे बारीकी से साइबर क्राइम के बारे में जानकारी दी गयी.पीपीटी के जरिए एसडीपीओ ने विस्तार से दी जानकारी
एसडीपीओ सुमित प्रसाद ने पॉवरप्वाइंट स्लाइड के माध्यम से साइबर अपराध के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तार से समझाया. उन्होंने स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध, साइबर फिशिंग, फिशिंग हमले से बचने के उपाय, साइबर क्राइम यूजिंग सोशल मीडिया, फेसबुक फ्रेंड फ्रॉड, एआई बेस्ड फोर्ड डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटोशन, मैलवेयर अपराध से बचने की उपाय बताये. साइबर अपराध का इतिहास, साइबर हेल्पलाइन आदि की विस्तार पूर्वक जानकारी जानकारी देते हुए कहा कि साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल होता है. उन्होंने बताया हम एक तकनीक-संचालित युग में रहते हैं और हर जानकारी अब कंप्यूटर पर फीड की जाती है. साइबर अपराध में कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों पर हमला शामिल है. आज आम लोग किस प्रकार अनेकों तरह से जाने अनजाने साइबर अपराधियों का शिकार हो रहे हैं. साइबर अपराधी या तो अपराध करने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल कर सकता है या फिर किसी दूसरे कंप्यूटर आधारित यंत्र का इस्तेमाल कर सकता है. साइबर अपराध एक खतरनाक हमला है जिसका सामना कोई कंपनी या व्यक्ति कर सकता है. बताया कि नेटवर्क के माध्यम से जितनी भी अपराध हो रही हैं. वो साइबर अपराध के अधीन आता है. ऐसे में समझ सकते है कि नेटवर्क और दूरभाष का गलत उपयोग कर किया गया क्राइम साइबर क्राइम होता है. फर्जी लिंक आपके मोबाइल में भेजकर आपसे लॉटरी लगने, किसी भी तरह का उपहार जीतने का प्रलोभन देकर आपको आर्थिक क्षति पहुंचा रहा है, वह भी साइबर क्राइम है.धोखाधड़ी की शिकायत के लिए डायल करें 1930
एसडीपीओ ने कहा कि आज कल अज्ञात नंबर से आने वाले वीडियो कोल भी व्यक्ति को साइबर क्राइम का शिकार हो जाते है. किसी भी अज्ञात व्यक्ति आपको वीडियो कोल कर दिया और न्यूड तस्वीर दिखाकर आपको ब्लेकमेल करते हुए जो धोख़ाधड़ी का शिकार कर सकता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज कल ऑनलाइन खरीददारी का प्रचलन बढ़ती जा रही है. ऐसे में आपके आने वाले पार्सल में भी ड्रग्स बताकर आपको ब्लेकमेल करते हुए आपको आर्थिक क्षति पहुंचा सकते हैं. यहां तक कि आप अपना मोबाइल अपने साथी को न दे. हो सकता है वह आपके अकाउंट डिटेल, फोन पे गुप्त कोड को जानकारी आपके बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं. साइबर अपराध पर नियंत्रण व वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के लिए भारत सरकार की गृह मंत्रालय के द्वारा हेल्पलाइन नम्बर 1930 जारी किया गया है, शिकायत दर्ज कराने के पॉर्टल www.Cybercrime.gov.in व सभी पुलिस स्टेशन में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क बनाया गया है.शिकार होने पर तत्काल दर्ज करें शिकायत
सीडीपीओ सुमित प्रसाद ने डिजिटल अरेस्ट की जानकारी देते हुए बताया डिजिटल अरेस्ट एक साइबर धोखाधड़ी है जिसमें अपराधी किसी व्यक्ति को किसी अपराध में शामिल होने की झूठी बात बताकर उसे गिरफ्तार करने की बात बताकर राशि की ठगी कर लेता है. साइबर अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी या अन्य अधिकारी बताकर उनके खिलाफ एक मामला दर्ज होने की बात बताया जाता है. इसके बाद अपराधी के द्वारा मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसा मांगा जाता है. डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए कभी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न दें, अगर आपको लगता है कि आपको धोखा दिया जा रहा है, डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने पर तुरंत कार्रवाई करें और पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें. जितनी जल्दी शिकायत दर्ज होंगी, उतनी जल्दी कार्रवाई होगी.साइबर फ्राड से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
डुमरी अंचल निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि साइबर अपराध समाज के लिए एक वास्तविक खतरा है. यह चोरी और ब्लैकमेलिंग का 21वीं सदी का संस्करण है. साइबर अपराध की किसी भी संभावना को रोकने के लिए कुछ तरीके हैं जिन्हें अपनाना चाहिए. किसी अनजान और असत्यापित वेबसाइट पर अपने बैंकिंग विवरण को किसी अनजान व्यक्ति को न बताएं या अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का सीभीभी न भरें. अपने पासवर्ड हमेशा गुप्त रखें. फेसबुक या इंस्टाग्राम पर किसी भी अनजाने फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट नहीं करें. इस प्रकार हम जागरूकता व सतर्कता से साइबर अपराध का शिकार होने से बच सकते है.
अज्ञात एप व लिंक कभी नहीं खोलें
कहा कि अभी शादी विवाह का सीजन चल रहा है. ऐसे में शादी का डिजिटल कार्ड आपके वाट्सएप पर भेजकर आपको साइबर क्राइम का शिकार बना सकता हैं. साथ ही कोई भी अज्ञात एप को भी नहीं खोलना हैं. क्योंकि उससे आपके मोबाइल का डाटा भी हाईजेक कर आपको साइबर क्राइम का शिकार बना सकता है. उन्होंने कहा कि एटीएम कार्ड का हेराफेरी करके आपके बैंक एकाउंट को खाली कर सकता है. इसके लिए कभी भी अगर आप कही भी डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड से पैसे निकालते हैं, खरीदारी करते हैं तो आपका कार्ड का छेड़छाड़ न हो. किसी को गुप्त कोड न शेयर करें. इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है. इस मौके पर प्राचार्य अशोक कुमार सिंह, शिक्षक अविनाश दास, सागर सेनगुप्ता, महेश कुमार, शबाहत परवीन, विनय कुमार गुप्ता, विशाल कुमार, शंकर कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
छात्र-छात्राओं ने भी रखे अपने विचार
कोई अंजाने नंबर या फिर बैंक का अधिकारी बताकर आपसे बैंक का डिटेल मांगा जाता है तो उसे नहीं बताना चाहिए. साथ ही अपने मोबाइल, लैपटॉप से अंजाने लिंक में नहीं जाना चाहिए.आराध्या गुप्ता
वर्तमान समय में साइबर अपराध में बढ़ोतरी हुई है. इससे बचने के लिए लालच भरे विज्ञापन से बचने की जरूरत है. अधिकांश लोग लालच में पड़कर साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं.
वैभव लोहानी
अनजाने व्यक्ति के द्वारा फोन कर आधार, बैंक पासबुक, एटीएम आदि की जानकारी नहीं देने जैसे सावधानी अपनाकर साइबर ठगी से बच सकते हैं.
अगम माथुर
आज के समय में आये दिन लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता सबसे अहम है. हमें इसपर सतर्क रहने की जरूरत है.
गुनगुन कुमारी
साइबर ठगी का शिकार होने पर सरकार के द्वारा जारी के लिए हेल्पलाइन व वेबसाइट पर सूचित करते हुए नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाने की जरूरत हैं.
पूजा कुमारी
मोबाइल फोन पर लिंक भेजकर पर्सनल डेटा की चोरी किया जाना, खाते से राशि की निकासी कर लिया जाना जैसे मामले साईबर अपराध की श्रेणी में आते हैं.
वैदेही कुमारीB
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