बिरनी प्रखंड से जिला को नहीं मिला एक भी आवेदन, उपायुक्त के साथ हुई बैठक में हुआ खुलासा
झारखंड सरकार गरीबों के स्वस्थ रखने के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में की है. इसके तहत वैसे गरीब व्यक्ति जो अपना इलाज करा चुके हैं, उन्हें अपनी बीमारी व इलाज से संबंधित कागजात के साथ राशन व आधार कार्ड तथा योजना से संबंधित फार्म भरकर बिरनी के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पास जमा करना है. कल्याण पदाधिकारी के द्वारा आवेदन को उपायुक्त को भेजा जाता है. उपायुक्त के अनुमोदन पर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत पीड़ित व्यक्ति के खाते में राशि भेजी जाती है. इस योजना के तहत कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कराने वालों को 25 हजार व अन्य बीमारी का इलाज कराने पर तीन से 10 हजार रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है, ताकि उक्त राशि लेकर उसे जीवन जीने में कुछ सहयोग मिल सके. बिरनी में इस योजना का प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण प्रखंड के लोग इसका लाभ लेने से वंचित हैं. इतना ही नहीं, कल्याण विभाग के द्वारा लाभुक का आवेदन उपायुक्त को नहीं भेजे जाने के कारण भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. ऐसे मिली जानकारीमालूम रहे कि पिछले बुधवार को उपायुक्त रामनिवास यादव ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य समिति के साथ बैठक की थी. इसमें बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने बिरनी प्रखंड से लक्ष्मण दास को प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया था. इस दौरान उपायुक्त रामनिवास यादव ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना से संबंधित बिरनी की फाइल मांगी, तो उसमें एक भी आवेदन नहीं मिला. इसके बाद उपायुक्त ने लक्ष्मण दास से कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत पूरे बगोदर विधानसभा से एक भी आवेदन नहीं आया है. इस पर गंभीर होकर लोगों का आवेदन जिले में भेजने की पहल करें, ताकि इस योजना का लाभ लाेग ले सकें. लक्ष्मण ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि पूरे बगोदर विधानसभा से उक्त योजना का एक भी आवेदन नहीं भेजा गया. जानकारी के अभाव में लोग योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इसके प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है. कहा कि बीडीओ फणीश्वर रजवार से बात कर इसका प्रचार-प्रसार करवाते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ दिलायेंगे. बीडीओ ने आश्वस्त कि लोगों को उक्त योजना का लाभ दिलाया जायेगा.क्या कहते हैं प्रमुख : प्रमुख रामू बैठा ने कहा कि यहां से जिला कल्याण विभाग को रिपोर्ट प्रत्येक माह भेजी जा रही है. किस परिस्थिति में उपायुक्त को आवेदन नहीं मिला, यह देखना होगा. कहीं बिरनी के कल्याण पदाधिकारी से आवेदन भेजने में गड़बड़ी तो नहीं हुई, या फिर जिला कल्याण पदाधिकारी के पास से ही फाइल को नहीं भेजी गयी. यदि गड़बड़ी पायी जाती है, तो उपायुक्त से इसकी जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग वह करेंगे.
कल्याण पदाधिकारी ने कहा : प्रभारी कल्याण पदाधिकारी महेश दास ने बताया कि मार्च से अब तक 16 आवेदन स्वीकृत कर जिला कल्याण विभाग को भेजा गया है. आवेदन की संख्या कम रहने पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से आवेदन मिलता है, उसे वब भेजते हैं. बड़ी समस्या ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर है. इसके कारण भी लोग आवेदन दे पाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है