मौसम के कारण होने वाली बीमारियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हो गयी है. इसका असर सदर अस्पताल में देखा जा सकता है. हर सुबह यहां मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. पंजीयन काउंटर पर सुबह से ही लंबी कतार लग जाती है. कुछ मरीज अपने साथ परिजन भी लाते हैं, जिससे भीड़ और अधिक बढ़ जाती है. अस्पताल में आने वाले मरीजों का कहना है कि उन्हें सुबह जल्दी आना पड़ता है, ताकि जल्दी नंबर मिल सके, लेकिन इसके बावजूद भी घंटों इंतजार करना पड़ता है.
वायरल बुखार और सांस लेनें में परेशानी से लोग पीड़ित
गिरिडीह में इन दिनों सबसे ज्यादा लोग वायरल बुखार और सांस लेने में दिक्कत की समस्या आ रही है. इसके साथ ही खांसी, सर्दी, बदन दर्द, गले में खराश, थकान और पेट दर्द की शिकायतें भी आम हो गयी है. कुछ मरीजों को तेज बुखार के साथ शरीर में कंपकंपी और कमजोरी महसूस हो रही है. अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों में बड़ी संख्या बच्चों और बुजुर्गों की है. कमजोर इम्यूनिटी के कारण ये मौसम बदलाव के प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं. कई बच्चे खांसी और सर्दी के कारण सो नहीं पा रहे हैं. वहीं, बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत और जोड़ों के दर्द की शिकायत हो रही है.मरीजों की संख्या 150 से बढ़कर हुई 300
गिरिडीह सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में दोगुनी हो गयी है. अस्पताल कर्मियों के मुताबिक कुछ दिनों पहले तक अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या करीब 150-200 के बीच थी. लेकिन अब यह संख्या 300 से अधिक हो गयी है. प्रतिदिन भीड़ बढ़ती जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ हफ्तों से मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. कभी तेज धूप, कभी हल्की ठंड तो कभी हल्की बारिश और उमस ने लोगों की सेहत पर असर डाला है. इसी वजह से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं और इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में आने वाले अधिकतर मरीज मौसमी बीमारियों की चपेट में हैं.डायरिया होने का भी है खतरा : डॉ वीरेंद्र
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि बदलते मौसम की वजह से वायरल बुखार के साथ-साथ डायरिया का खतरा भी बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि लोग सावधानी बरतें और विशेष रूप से खानपान और स्वच्छता पर ध्यान दें. बताया कि इस मौसम में लोग केवल घर का बना हुआ खाना खायें और साफ पानी ही पीयें. बाहर और खुले में रखे खाद्य पदार्थों को खाने से बचें. बासी खाना नहीं खाये. किसी को खांसी या कोई अन्य संक्रमण है, तो उसका रुमाल या तौलिया साझा नहीं करें. साथ ही यदि किसी को उल्टी, दस्त या शरीर में कोई भी परेशानी हो तो वह खुद से दवा ना लें. पहले डॉक्टर से परामर्श करें और फिर ही इलाज शुरू करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है