फर्जी सर्टिफिकेट और रसीद का इस्तेमाल कर अस्पतालों से की वसूली
नगर थाना क्षेत्र के एक पुराने ठगी मामले में 2019 से फरार चल रहे आरोपी विजय कुमार सिंह के कोडरमा स्थित घर पर नगर थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर इश्तेहार चिपकाया है. आरोपी को चेतावनी दी गयी है कि वह जल्द से जल्द सरेंडर करे, अन्यथा कुर्की की कार्रवाई की जायेगी. मामला बायोजेनेटिक लेबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा हुआ है, जो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल का काम करती है.18 लाख की हुई है ठगी
कंपनी के मैनेजर अशोक सिंह ने नगर थाना में दिये गये आवेदन में बताया कि 2018 में विजय कुमार सिंह ने खुद को रिलायबल इंश्योरेंस सर्विस रांची का मालिक बताते हुए गिरिडीह, कोडरमा, बरही और चतरा में कंपनी का काम बढ़ाने की बात कही थी. कंपनी से अधिकृत पत्र प्राप्त करने के बाद आरोपी ने बायोजेनेटिक के नाम पर फर्जी रसीदें और नकली प्रमाण पत्र बनाकर अस्पतालों को सदस्यता दिलायी और मासिक शुल्क वसूला. हर अस्पताल से 6000 सदस्यता शुल्क और 3000 मासिक शुल्क वसूले गये. यह राशि सीधे आरोपी ने अपने पास रखी, जिससे लगभग 18 लाख रुपये की ठगी की गयी.पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का किया गया उल्लंघन
आरोप है कि अस्पतालों को दिए गए सर्टिफिकेट में कंपनी के पूर्व कर्मचारी के हस्ताक्षर को स्कैन कर जाली सर्टिफिकेट तैयार किए गये थे. मेडिकल वेस्ट भी कंपनी के प्लांट, जो रामगढ़ में स्थित है, वहां न भेजकर इधर-उधर फेंक दिया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 8, 15 और 25 का भी उल्लंघन हुआ. यह मामला 2019 में उजागर हुआ, जब गिरिडीह के एक अस्पताल से कंपनी मुख्यालय को सूचना दी गयी. पुलिस द्वारा कई प्रयासों के बावजूद विजय कुमार सिंह अब तक फरार है. अंततः कोर्ट के आदेश के बाद नगर थाना पुलिस ने उसके घर पर इश्तेहार चिपकाया और चेतावनी दी कि यदि वह शीघ्र आत्मसमर्पण नहीं करता है, तो जल्द ही उसके विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है