Giridih News : भीषण गर्मी के बीच बेंगाबाद के सभी पंचायतों में पानी की किल्लत शुरू हो गयी है. पंचायतों में नल जल योजना पूरी तरह से फेल हो चुकी है. किसी भी पंचायत में योजना सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही है. इधर ग्रामीणों को उसके घरों में नल से पानी देने की जिम्मेदारी लिये संवेदक कार्य को अधर में लटकाकर छोड़ दिये हैं. पानी के लिए पानी की तरह पैसा खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. इधर विवश ग्रामीणों को उसके हाल पर छोड़ते हुए बेंगाबाद के सभी संवेदकों ने हाथ खड़ा करते हुए क्षेत्र छोड़ गायब हो गये हैं. वहीं ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए जनप्रतिनिधि विभाग को समस्या से अवगत करा रहे हैं, लेकिन संवेदक के क्षेत्र छोड़ फरार हो जाने के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. ऐेसे में विभागीय कार्रवाई की मांग उठने लगी है. फिलहाल गर्मी के इस मौसम में न तो नल जल योजना चल रही है और ना ही खराब चापाकलों की मरम्मत हो पा रही है. इस स्थिति में ग्रामीणों के लिए इस मौसम में पानी के लिए भटकने की विवशता खड़ी हो गई है. बाजार क्षेत्र के लोग खरीदकर पानी पीने को विवश हैं, जबकि ग्रामीण दूर जाकर पानी लाने को मजबूर हैं.
आधा दर्जन संवेदकों को मिली है जवाबदेही :
बताया जाता है कि बेंगाबाद के 25 पंचायतों के गांवों में नल से पानी की व्यवस्था के लिए आधा दर्जन संवेदकों को टेंडर दिया गया है. पिछले दो साल से अधिक समय से संवेदक क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, बावजूद अभी तक अधिकांश गांवों में पाईप भी नहीं बिछाया जा सका है. जबकि कई स्थानों पर आधा अधूरा स्ट्रक्चर खड़ाकर खानापूर्ति किया गया है. कहीं मोटर नहीं लगा है तो कई स्थानों पर लगे मोटर खराब हो चुके हैं. कई घंरों में टोटी की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है. आधे अधूरे कार्य को करने के बाद संवेदक की कार्य गति पर वर्तमान में पूर्ण विराम लग गई है. बताया जाता है कि अधिकांश संवेदक बिहार और यूपी के हैं. वे यहां आते भी नहीं है और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के भरोसे योजना को धरातल पर उतारने में लगे हुए हैं. स्थानीय भौगोलिक स्थिति की जानकारी के अभाव और स्थानीय ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों के साथ तालमेल नहीं बैठाने के कारण योजना सही तरीके से धरातल पर नहीं उतर पाया.समयावधि पूर्ण होने की फिराक में संवेदक :
बताया जाता है कि कार्य की जिम्मेदारी लिये संवेदक को योजना पूर्ण करने के बाद पांच साल तक उसकी देखभाल कर सुचारू रूप से पानी आपूर्ति करने का करार विभाग के साथ हुई है। निगरानी का कार्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधीन है। बावजूद अबतक कार्य को पूरा नहीं किया गया है और समय अवधि बीत रही है. संवेदकों का कहना है कि विभाग की ओर से राशि नहीं मिल रही है जिस कारण कार्य की गति पर इसका प्रभाव पड रहा है. जबकि विभाग के अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं, जबकि हकीकत यह है कि जैसे ही समय अवधि पूरी होगी संवेदक कार्य के एवज में विभाग से राशि निकासी कर फरार हो जायेंगे. तब ग्रामीणों को सिर्फ धोखा ही हाथ लगेगी.क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि :
मुखिया संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष मो शमीम का कहना है कि चपुआडीह पंचायत के अलावा पूरे प्रखण्ड क्षेत्र में नल जल योजना फेल है. कार्य की जिम्मेदारी लिए संवेदक ने ईमानदारी से कार्य नहीं किया. कहीं टंकी नहीं है तो कहीं पाइप नहीं बिछा है. कहीं खराब मशीन लगाकर खानापूर्ति की गई तो कहीं स्ट्रक्चर खड़ा कर कोरम पूरा किया गया. कहा गर्मी में पानी नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान है. इधर मधवाडीह पंचायत के मुखिया मो सदीक अंसारी का कहना है कि जितनी राशि दूसरे राज्य के संवेदक को दी गई, उससे कम राशि में ही कई चापाकल खड़ी हो सकती थी जिससे ग्रामीणों को लाभ होता. कहा विभाग पंचायत में फंड भी नहीं दे रही है जिस कारण खराब चापाकल भी नहीं बना पा रहे हैं. कहा नल जल योजना की शिकायत कई बार अधिकारियों से लिखित में किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. भण्डारीडीह पंचायत की मुखिया अनिता कुमारी का कहना है पंचायत में नल जल योजना पूरी तरह फैल है. ग्रामीण पानी के लिए परेशान है.क्या कहते हैं अधिकारी :
इधर विभाग के कनीय अभियंता राज आनंद का कहना है कि संवेदक राशि की मांग कर रहे हैं. राशि विभाग के पास उपलब्ध नहीं है जिस कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है. इसका लाभ उठाकर संवेदक क्षेत्र से गायब हो गये हैं. कहा सभी संवेदकों को स्पष्टीकरण निकाला जाएगा और शीघ्र योजना चालू करने का दबाव बनाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है