सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बंदखारो में भी हुआ आयोजन
सरयू पारीण ब्राह्मण महासंघ सरिया केंद्र ने संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास की 527वीं जयंती ठाकुरबाड़ी धर्मशाला में समारोहपूर्वक मनाया. उद्घाटन मुख्य अतिथि महासंघ के उप सभापति नकुल पांडेय, महामंत्री राम लखन शर्मा, विहिप के जिला संयोजक विभाकर पांडेय व जिप सदस्य अनूप कुमार पांडेय, भारत भूषण पांडेय, बाल विदुषी, सुजाता किशोरी आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया. इसके पूर्व गोस्वामी तुलसीदास तथा श्री रामचरितमानस की पूजा की. सुंदरकांड का सस्वर पाठ किया गया. वहीं सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बंदखारो में भी तुलसी जयंती मनायी गयी. गोस्वामी तुलसीदासजी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया.वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कि संत महाकवि गोस्वामी तुलसीदासजी का बचपन अनोखा था. पत्नी की फटकार तुलसीदास के लिए प्रेरणा मंत्र बनकर लौकिक जीवन को अलौकिक बना दिया. इन्होंने श्रीरामचरित मानस की रचना की. इनका काव्य इतना प्रभावी था कि कहते हैं कि इसे सुनने के लिए हवा ठहर जाती थी, पंछी उड़ना भूल जाते थे और दरिया का पानी रुक जाता था. उन्होंने भारतीयों में निडरता पैदा करने के लिए स्थान-स्थान पर हनुमान मंदिरों और अखाड़ों की स्थापना की. तुलसीदासजी ने दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, गीतावली, हनुमान बाहुक वरवै रामायण समेत अन्य ग्रंथों की रचना की. मौके पर महासंघ के सरिया केंद्र के सदस्यों सहित शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अर्जुन प्रसाद आर्य, अजय कुमार, दशरथ पासवान, पुष्पा कुमारी, धीरज कुमार, गीता कुमारी वर्मा, देवंती कुमारी, प्रकाश कुमार, योगेंद्र कुमार यादव, टिपन वर्मा सहित विद्यार्थी उपस्थित थे.
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