मूसलाधार बारिश ने बढ़ायी किसानों की चिंता, भदई फसल भी प्रभावित
बिरनी प्रखंड में डेढ़ माह से हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. किसान अपने खाली पड़े खेत में मकई, मड़ुवा, मूंग, अरहर समेत अन्य खरीफ फसल की बुआई नहीं कर पा रहे हैं. दूसरी ओर खेतों में ही धान का बिचड़ा सड़ गया है. किसानों को दूसरी बार धान का बीज बोना पड़ा है, जिससे उन्हें दो से 20 हजार रुपये तक की आर्थिक क्षति हुई है. तालाब, कुंआ, नदी, नाला सभी लबालब भरे हुए हैं.भर गये तालाब व कुआ
ंइधर, शनिवार की देर रात्रि हुई भारी बारिश ने किसानों की परेशानी एक बार फिर बढ़ा दी है. पड़रिया गांव के उत्तर बहियार में बारिश और बड़का तालाब, खोंडा आहार से बह रहा लगातार बह रहे पानी के कारण बहियार की लगभग सैकड़ो एकड़ जमीन जलममग्न हो गयी है. खेतों की मेड़ टूट गये हैं. वैसे किसान जिन्होंने एक दो दिन पूर्व धान की रोपाई की थी, वह भी बह गया. कई किसानों ने धान का बिचड़ा रोपाई के लिए रखा हुआ था. उनका बिचड़ा बह गया, तो कई किसान जो खेतों की ट्रैक्टर से जुताई की थी, उसकी मिट्टी ही बह गयी.
क्या कहते हैं किसान
पड़रिया के किसान पप्पू साव, बालेश्वर साव, ईश्वर साव, खूबलाल साव, रंजीत साव, लटन साव, देमन साव, मुन्ना साव, महादेव साव समेत अन्य ने बताया कि लगातार बारिश ने उनकी कमर ही तोड़ दी है. इस पर खरीफ फसल का पैदावार होने की बहुत ही कम उम्मीद है. धान का बिचड़ा एक बार सड़ गया, तो दूसरी बार धान के बीज लगाया. लेकिन, बारिश छूट नहीं रही है. इससे बीज सड़ने की आशंका बढ़ गयी है. कहा कि शनिवार रात्रि को हुई मूसलाधार बारिश से पड़रिया के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. सिर्फ खेत की टूटी मेड़ बनाने में ही सप्ताह-दस दिन लग जायेगा. किसानों ने सरकार से बरसात से हो रही क्षति का आकलन कर आर्थिक सहयोग करने की मांग की, ताकि वह खेती कर सकें.
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