Giridih News : गिरिडीह बार लाइब्रेरी में आयोजित जिला अधिवक्ता संघ के शासी निकाय की बैठक में शुक्रवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर लंबे समय तक चलते रहा. इस दौरान कई अधिवक्ताओं ने हो हंगामा भी किया और कहा कि संघ की मनमानी के कारण संघ के पदाधिकारियों की छवि पर असर पड़ रहा है. अधिवक्ताओं का कहना था कि वर्तमान कमेटी 20 महीने से काम कर रही है और चुनाव के मात्र दो माह बचे हुए हैं. लेकिन पिछले 20 माह का आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है. साथ ही संघ का संचालन कुछ पदाधिकारी मनमाने तरीके से कर रहे हैं. स्थिति यह है कि संघ में अनुशासन-प्रशासन की कोई जगह नहीं रह गयी है. अधिवक्ताओं ने कहा कि संघ अधिवक्ताओं के हित का ध्यान न रखकर बेंच के इशारे पर काम कर रही है और बेंच के गलत निर्णयों का विरोध तक नहीं कर रही है. इधर सचिव प्रशासन दशरथ प्रसाद ने कहा कि लंबे समय से बार काउंसिल के ऑडिटर से ऑडिट नहीं कराया जा रहा है. कार्यकारिणी के निर्णय को भी कोषाध्यक्ष नहीं मानते हैं. वहीं अधिवक्ता कामेश्वर यादव ने कहा कि चुनाव को लेकर जीबी की यह बैठक सिर्फ आई वाश है.
15 दिन की गर्मी छुट्टी के खिलाफ होगा आंदोलन :
अधिवक्ता सतीश कुंदन समेत कई अधिवक्ताओं ने 15 दिन की ग्रीष्म छुट्टी देने के कोर्ट के निर्णय का विरोध किया और कहा कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं को परेशानी होगी. अधिकांश अधिवक्ताओं ने मॉर्निंग कोर्ट चालू करने की मांग रखी. संघ ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि 15 दिन की ग्रीष्म छुट्टी के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा और मॉर्निंग कोर्ट चालू करने की मांग की जायेगी. अधिवक्ताओं का कहना था कि दुर्गापूजा के अवसर पर कोर्ट बंद रहता था, लेकिन जरूरतमंदों का काम वेकेशन कोर्ट में भी चलता रहता था. सात अप्रैल को कलमबंद हड़ताल का निर्णय लिया गया है. संघ की बैठक में अध्यक्ष प्रकाश सहाय, सचिव चुन्नूकांत, उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा, दशरथ प्रसाद शर्मा, परमेश्वर मंडल, चंदन सिन्हा, कामेश्वर यादव, अमित सिन्हा, विशाल आनंद, अंजनी सिन्हा समेत कई अधिवक्ता उपस्थित थे.30 दिनों के अंदर आय-व्यय का ब्योरा नहीं मिला तो इस्तीफा समझें : उपाध्यक्ष
हो हंगामा व आरोप-प्रत्यारोप के बीच जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा मंटू ने कहा कि 20 माह बीतने के बाद भी आय-व्यय का ब्योरा नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि संघ के अन्य सदस्यों के साथ-साथ कई अधिवक्ता आय-व्यय को लेकर कई सवाल करते हैं जिसका जवाब देना मुश्किल होता है. इसके अलावे भी कई मामले हैं जिसको लेकर कई अधिवक्ता असंतुष्ट हैं. प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी कई गड़बड़ियां हैं और प्रशासनिक हेड की जिम्मेदारी सचिव की होती है. उन्हें जवाब देना चाहिए. श्री सिन्हा ने संघ के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि यदि 30 दिनों के अंदर आय-व्यय का ब्योरा नहीं मिला तो उनके पत्र को इस्तीफा समझा जाये.चुनाव नजदीक है, इसलिए कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं : चुन्नूकांत
जिला अधिवक्ता संघ के सचिव चुन्नूकांत ने कहा कि चुनाव नजदीक है. इसलिए कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. पूरी पारदर्शिता के साथ संघ का संचालन किया जा रहा है. आय-व्यय का ब्योरा देने के लिए कोषाध्यक्ष को भी निर्देश दिया गया है. लेकिन लोग प्रस्तुत करने का मौका नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ आईवाश किया जा रहा है. प्रशासन देखने की जिम्मेदारी सचिव प्रशासन की है. चुन्नूकांत ने कहा कि उनके विकास कार्यों को देखकर लोग विचलित हैं. पिछले 10 वर्ष में जो विकास के काम किये गये, वह कभी नहीं हुआ है. सरकार व समाज के सहयोग से स्टेज, शेड, पानी, कुर्सी, टेबल, लाइब्रेरी आदि बनाया गया. गड़बड़ी करने की बात बेबुनियाद है. ऑडिट भी करायी गयी है.
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