जलजमाव और फिसलन भरे रास्ते में गिरकर घायल होते हैं लोगडुमरी प्रखंड के लक्षणटुंडा से प्रेमटांड़ और बरमसिया तक जानेवाला मुख्य ग्रामीण मार्ग वर्षों से बदहाल स्थिति में है. इससे ग्रामीणों को सड़क पर बने ऊबड़-खाबड़ रास्ते और पगडंडी जैसे रास्ते पर चलने को विवश होना पड़ रहा है, यह मार्ग विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचने का एकमात्र जरिया है. प्रत्येक दिन उक्त सड़क से स्कूल आने जाने को लेकर छात्र-छात्राएं जर्जर मार्ग से होकर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र जाते हैं, जिससे उन्हें रोजमर्रा के जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. खासकर बरसात के मौसम में स्थिति और भयावह हो जाती है. कीचड़, जलजमाव और फिसलन के कारण बच्चे रास्ते में फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं या चोट लग जाती है. इससे न केवल उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है, बल्कि वे चोटिल भी हो जाते हैं.
बीमार को खाट पर टांगकर ले जाते हैं अस्पताल
सड़क नहीं बनाने पर ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय अगर हमें अस्पताल जाना पड़ता है, तो पीड़ित को खाट के माध्यम से जर्जर सड़क पार करनी पड़ती है. उक्त सड़क की स्थिति इतनी जर्जर है कि गांव तक दो पहिया और चारपहिया वाहन नहीं पहुंच सकता है. पहले से सड़क पथरिया और पगडंडियां से होकर सभी ग्रामीण गांव आते हैं. अब बरसात के दिनों में पानी के तेज बहाव के कारण मिट्टी बह जाने से सड़क पूरी तरह से गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. ग्रामीणों ने कहा कि गांव तक गाड़ी नहीं आने से बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं को खटिया से उठाकर ले जाना पड़ता है. यूनियन के सदस्यों ने ग्रामीणों को भरोसा दिया कि प्रेमटांड़ से बरमसिया स्कूल तक पथ निर्माण कराने की मांग विभागीय अधिकारियों से करेंगे. साथ ही यदि आवश्यकता हुई तो सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों के संग आंदोलन भी करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है