फिटकोरिया पंचायत के छछंदो गांव की दलित बस्ती में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम, बोले ग्रामीण
फिटकोरिया पंचायत के छछंदो गांव की दलित बस्ती के ग्रामीण मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. गांव में रहने वाले ग्रामीण मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं. गांव की आबादी 100 के करीब है. प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में ग्रामीणों ने समस्या की जानकारी देते हुए बताया कि गांव में बगल में ही आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्री संचालित है, इसके बावजूद ग्रामीण गिरिडीह शहर में मजदूरी करने को विवश हैं. इस गांव में जाने के लिए पगडंडी ही सहारा है. ग्रामीणों के लिए पानी की भी समस्या है. पानी के लिए गांव में एकमात्र चापाकल ही सहारा है. नल जल योजना के तहत यहां स्ट्रक्चर जरूर खड़ा किया गया है, लेकिन ग्रामीणों के घरों में लगाये गये नल में पानी नहीं आता है. पानी के लिए चापाकल पर आश्रित है जिसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. कब चापाकल खराब हो जायेगी, इसकी चिंता में ग्रामीण परेशान रहते हैं. कपड़ा धोने व स्नान करने के लिए गांव के ग्रामीण महिला पुरुष छछंदो नाला जाने को विवश हैं. ग्रामीणों ने नल जल योजना को चालू कराने की मांग की, लेकिन इस योजना के तहत एक दिन ही चला उसके बाद पुनः पानी नल से नहीं आया है. गर्मी के इस मौसम में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं गांव में शौचालय ठेकेदारी की भेंट चढ़ गई. अधिकांश शौचालय आधे अधूरे पड़े हैं. शौचालय के टंकी भी नहीं बनाया गया है. शौचालय के कमरे खस्ताहाल हो चुके हैं. किसी में दरवाजा भी नहीं लगाया गया है. मूलभूत समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को व्यवस्था का लाभ देने की दिशा में प्रशासनिक पहल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.क्या कहते हैं ग्रामीण
नल जल योजना अबतक चालू नहीं हो पायी है. इस कारण महिलाओं को ज्यादा परेशानी हो रही है. गांव में एकमात्र चापाकल के भरोसे ग्रामीण पीने के पानी लेने को विवश हैं. वहीं अन्य घरेलू कार्य के लिए नाला जाना पड़ता है. विभाग इस योजना को चालू कराने की मांग की है.बंधनी देवी
पानी के साथ-साथ गांव में सड़क की भी सुविधा नहीं है. पगडंडी के सहारे आना जाना करना पड़ता है. बरसात में समस्या बढ़ जाती है. रात में मजदूरी कर घर आने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.प्रमिला देवीगांव में नल जल योजना के तहत लगाया गया पानी टंकी का स्ट्रक्चर शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. यहां बोरिंग के नाम पर खानापूर्ति किया गया है. बोरिंग कम किया गया है जिस कारण टंकी में तीन दिन के बाद भी पानी नहीं भरता है. एक बार इसे चालू किया गया, लेकिन पानी के अभाव में यह बेकार साबित हो रहा है.
पेमिया देवीगांव के ग्रामीणों की परेशानी को दूर करने की जरूरत है. यहां दलित समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन उसकी समस्या को दूर करने की पहल नहीं होने से ग्रामीण पानी, सड़क व शौचालय की समस्या से जूझ रहे हैं. शौचालय का भी निर्माण अधर में छोड़ दिया गया है.
सोनू तुरीक्या कहते हैं बीडीओ
इधर बीडीओ सुनील कुमार मुर्मू का कहना है कि जांच करायी जायेगी. जांच के बाद ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में आवश्यक पहल की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है