जिले में धनवार प्रखंड सबसे आगे, 83% धनरोपनी कार्य पूरा, 50 प्रतिशत के साथ बगोदर सबसे पीछे
पिछले एक महीने से हो रही बारिश के बीच अधिकांश किसानों ने धनरोपनी कर ली है. लेकिन कई किसानों के बिचड़े बारिश के चलते गल गये, लिहाजा उनको नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि इसके बावजूद ऐसे किसान नयी उम्मीद के साथ पूरे जोश से खेती बाड़ी में जुट गये हैं. बचे हुए किसानों ने अब खेतों में धनरोपनी का कार्य शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि इस वर्ष भी रोहिणी नक्षत्र के बाद से लगातार बारिश हो रही है, इस कारण कई किसानों के बिचड़े सड़ गये. हालांकि किसानों ने हार नहीं मानी और किसी से खेत में अच्छरा लगाया, तो किसी ने टांड़ में ही धान की बुआई कर दी. प्यारी सिंह, नरेश वर्मा, अनवर अंसारी, सुरेश सिंह, रहमान अंसारी आदि किसानों ने बताया कि लगातार बारिश से बेहतर फसल हो सकती है. इस कारण वे खेती बाड़ी में ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. जिले में सबसे ज्यादा धनवार प्रखंड में 83% धनरोपनी हो चुकी है. इसके बाद देवरी व गांडेय में 80% रोपनी हुई है, जबकि सबसे कम बगोदर में 50% धनरोपनी हुई है.लगातार बारिश से मकई, मूंग व अरहर की खेती प्रभावित
लगातार बारिश से भले ही धान की खेती अच्छी होने की संभावना है, लेकिन किसानों के अनुसार अत्यधिक बारिश से मकई, मूंग व अरहर की खेती प्रभावित हुई है. कई किसानों की मकई, मूंग व अरहर की फसल बारिश से गल चुकी है. बताया कि मकई, मूंग व अरहर गलने के बाद उक्त खेतों में धान की बुआई कर बिचड़ा तैयार किया गया, ताकि धनरोपनी के इसकी भरपायी की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है