पुलिस सूत्रों के अनुसार सूचना के आधार पर गांडेय थाना क्षेत्र के एक गांव में छापेमारी की गयी थी. वहां तीन संदिग्धों की मौजूदगी की पुलिस को सूचना थी, पर उनमें से एक पुलिस को चकमा देकर भाग निकला. हिरासत में लिये गये दोनों युवक तकनीकी रूप से दक्ष बताये जाते हैं. वो पैनल क्रिएटर के रूप में काम कर रहे थे. वो लोग विशेष तरह की एपीके फाइल बनाकर साइबर ठगों को तीन से दस हजार रुपये में बेचते थे. उन फाइलों की मदद से साइबर अपराधी धोखाधड़ी की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देते हैं. बताया गया है कि उक्त आरोपी साइबर क्राइम की ट्रेनिंग भी देते थे. समय-समय पर दूसरे राज्यों से प्रशिक्षित अपराधी आकर उन्हें नयी तकनीक सिखाते थे. पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले एक महीने में करीब 20 लाख की ठगी की गयी है. हालांकि, साइबर डीएसपी आबिद खान से इस संबंध में कुछ भी बताने से इनकार किया.
एटीएम से पैसे निकालता युवक गिरफ्तार
साइबर पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से साइबर अपराधियों के लिए एटीएम से पैसे निकाल रहा था. युवक की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गप्पाई मंडाटांड़ निवासी मनोज मंडल के रूप में की गयी है. साइबर डीएसपी आबिद खान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से एक बैंक के एटीएम से लगातार संदिग्ध ट्रांजक्शन हो रहा था. बैंक के कई ग्राहकों ने इसकी शिकायत की थी. टीम ने एटीएम का सीसीटीवी फुटेज खंगाला, तो एक युवक बार-बार ट्रांजक्शन करते हुए देखा गया. पुलिस ने उसकी रेकी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. युवक ने बताया कि वह साइबर अपराधियों के निर्देश पर अलग-अलग खातों से पैसे निकालता था और फिर नगदी उन तक पहुंचा देता था. इसके बदले उसे कमीशन मिलता था.
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