जमुआ प्रखंड के आपूर्ति गोदाम में वर्षों से कार्यरत एक दर्जन मजदूर गोदाम के अन्यत्र चले जाने से बेरोजगार हो गये हैं. मजदूरों ने इसके लिए विभाग से गुहार लगाते हुए इसे मजदूरों के हक मारने की एजीएम की साजिश बतायी है. रविवार को मजदूर प्रखंड प्रमुख व उप प्रमुख को लिखित आवेदन देकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. मजदूरों का कहना है कि वे 18सालों से प्रखंड मुख्यालय स्थित सार्वजनिक जन वितरण की गोदाम में माल लोड अनलोड कर कमाते रहे हैं. इससे उनके और उनके परिवार के सदस्यों की परवरिश होती रही है. नए एजीएम बसंत पासवान ने गोदाम को गोलोडीह गोदाम में स्थानांतरित कर दिया है ताकि लोगों की नजरों से दूर रहकर जैसे तैसे काम करें. लेकिन इससे पेटहंडी के एक दर्जन मजदूरों के समक्ष रोजी रोटी के संकट आ खड़े हुए हैं. इस बाबत जागेश्वर यादव व निरंजन यादव ने कहा कि मजदूरों की अनदेखी करना एजीएम को महंगा पड़ेगा. उप प्रमुख रब्बुल हसन ने कहा कि मजदूरों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव ने कहा कि मजदूरों के साथ वे खड़े हैं. मजदूरों के हक हुकूक की लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं. इनके साथ नाइंसाफी हुई तो वे चुप नहीं बैठेंगे. मौके सच्चिदानंद सिंह, दिगम्बर प्रसाद दिवाकर, रूपलाल दास ने कहा कि पेटहंडी के मजदूरों के हक को यदि मारा जाता है तो यह गलत गौर गलत के विरोध में वे हैं. मजदूरों में निरंजन कुमार, जागेश्वर यादव, बालेश्वर यादव, महेंद्र यादव, छोटू यादव, जगदीश ठाकुर, रीतलाल यादव, अनूप यादव सहित कई लोग थे.
क्या कहते हैं गोदाम प्रबंधक
इधर, जमुआ गोदाम प्रबंधक बसंत कुमार ने कहा कि किसी मजदूर का रोजगार नहीं छीना गया. जमुआ में गोदाम का आकार काफी छोटा रहने की कारण भाटडीह में मिनी गोदाम का संचालन किया जा रहा है.
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