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Giridih News: बच्चों के बेहतर भविष्य व शादी-विवाह की चिंता ले जाती है विदेश

Giridih News: नाइजर से अपने गांव भूनियाटांड़ लौटे बाल गोविंद महतो ने सुनायी आपबीती

Giridih News: दक्षिण अफ्रीका के नाइजर से लौटे बगोदर के मुंडरो के भूनियाटांड़ बाल गोविंद महतो ने बताया कि नाइजर में डर के साये में रात-दिन कटती थी. नाइजर में हर माह इस तरह की घटना सुनने और देखने को मिलती थी. हमलोगों को कैंप में सैनिकों की सुरक्षा के बीच काम करना पड़ता था. वहां पर हर माह हमला होता रहता था. कभी कल्पतरु कंपनी पर तो कभी दूसरी कंपनी के कैंप में हमला होता है. कंपनी रहना-खाना और एक अच्छी सैलरी देती है, उन्होंने बताया कि झारखंड में रोजगार के साधन नहीं हैं. अपने अपने बाल-बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए मजबूरी में यहां के मजदूर विदेश जाते हैं. सरकार को झारखंड में मजदूरों को रोजगार देने की व्यवस्था करनी चाहिए, तभी यहां से पलायन रुकेगा. उन्होंने बताया कि बगोदर, विष्णुगढ़, बरकट्ठा के 30 मजदूर नाइजर में काम कर रहे हैं. बता दें कि बाल गोविंद के दो बेटे और एक बेटी हैं. एक बेटा दिव्यांग है. उनकी पत्नी कांति देवी ने सरकार से यही पर रोजगार देने की मांग की है.

अगवा उत्तम कुमार की फुआ हाल जानने के लिए बाल गोविंद के पास पहुंची :

इधर, मुंडरो के उत्तम कुमार के नाइजर में अगवा होने की सूचना पर उनकी फुआ सुबह से ही बाल गोविंद के पास बैठी हुई है. उत्तम की फुआ संकरी देवी बताती हैं कि जब से सुने हैं कि बाल गोविंद आया है. तब से अपना बेटा उत्तम का हाल चाल लेने आयी हैं. वह कहती हैं कि ‘सरकार यहां पर बेटन सबके रोजगार देतलो तो ई सब नैय होत लो…’ उन्होंने जल्द सभी मजदूरों को घर भेजने की मांग की है.

अगवा मजदूरों को जल्द करायें मुक्त :

मजदूरों की विवशता ही उसे विदेश जाने को करती हैं मजबूर : बाल गोविंद महतो के भाई की पत्नी निशा कुमारी कहती है कि नाइजर में आतंकियों के कैद में फंसे सभी मजदूरों को सरकार जल्द से जल्द रिहा कराये. उन्होंने कहा कि एक मई को मजदूर दिवस पर मजदूरों की उत्थान की बात कही जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. आज भी रोजगार के लिए बड़ी संख्या में यहां के लोग विदेश जाते हैं. जब उनके साथ वहां कोई घटना हो जाती है तो यहां उनके परिवार की कोई सुध नहीं लेता है.

इधर, बगोदर-सरिया अनुमंडल पदाधिकारी संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि नाइजर में सैन्य बलों द्वारा सीमाओं को सील कर जांच कर रही है. वहीं अभी तक आतंकियों ने कोई डिमांड भी नहीं किया है, लेकिन अभी तक अगवा मजदूरों को रिहा कराने में कोई सफलता नहीं मिली है. इधर, से भी प्रयास और संपर्क लगातार जारी है.

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