शहादत और बलिदान के प्रतीक मुहर्रम पर्व का समापन इटवा गांव के करबला मैदान में उत्साह और श्रद्धा के साथ हुआ. इस अवसर पर मोरडीहा पंचायत के अंतर्गत क्षेत्र के तीन गांवों से ताजिया जुलूस पहुंचे, जहां लाठी, भाले और परंपरागत हथियारों के साथ युवाओं ने साहसिक करतबों का प्रदर्शन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. लोग ‘या अली’, ‘या हसन’ के नारों के साथ जुलूस में शामिल हुए. गांव के बुजुर्ग शेख अब्दुल वाहिद ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस बार भी एकादशी के दिन करबला मैदान में भव्य मेले का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के गांवों के साथ-साथ दूरदराज़ से भी भारी संख्या में लोग शामिल हुए. मेले में आकर्षक झूले, खेल और खाने-पीने की दुकानों ने खासा आकर्षण बटोरा. अखाड़े पर दो दर्जन से अधिक गांवों के प्रतिभागियों ने अपने-अपने करतबों से दर्शकों का दिल जीत लिया. बंगाल से आये कलाकारों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर दर्शकों को तालियां बजाने और अपनी जगह से न हटने को मजबूर कर दिया. सम्मान समारोह में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीमों को नकद पुरस्कार, शील्ड और दीवार घड़ी देकर सम्मानित किया गया. मेले की सुरक्षा को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क रहा. थाना प्रभारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि करबला मैदान में महिला पुलिस बल सहित पर्याप्त संख्या में जवानों की तैनाती की गयी थी. पूरे मेले परिसर का निरंतर मुआयना किया गया ताकि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो. मुहर्रम कमेटी इटवा के अध्यक्ष मोहम्मद असदुल्लाह, सचिव मोहम्मद जसीम, उपाध्यक्ष नजामुद्दीन, उप सचिव मोहम्मद मुख्तार, जाकिर, फराज सहित मुखिया पुत्र निक्कू झा एवं अन्य गणमान्य लोग आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय रूप से शामिल रहे.
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