हनवारा के नरैनी गांव निवासी जुबैर अंसारी एक साइबर ठगी के शिकार हो गये. अज्ञात नंबर से कॉल कर साइबर अपराधी ने खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए कहा कि सरकार की ओर से मिलने वाली सूखा राहत राशि के अंतर्गत 12 हजार रुपये जुबैर के खाते में भेजे जा रहे हैं, लेकिन बैंक खाते में तकनीकी समस्या के कारण पैसा नहीं पहुंच पा रहा है. ठग ने झांसा देकर जुबैर से आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी मांगी, जिसे उन्होंने विश्वास में आकर साझा कर दिया. इसके बाद उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया, जिसे खोलते ही जुबैर के खाते से 35,000 रुपये गायब हो गये. ठगी की जानकारी होते ही जुबैर मानसिक रूप से बेहद आहत हो गये और उन्होंने तुरंत हनवारा थाना में शिकायत दर्ज करायी और कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध बढ़ा, जागरूकता की कमी बनी बड़ी चुनौती
साइबर अपराधियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार पीएम किसान योजना, मंईयां सम्मान पेंशन योजना, सूखा राहत और अन्य योजनाओं के नाम पर ठगी की घटनाएं बढ़ती जा रही है. इसके पीछे जन जागरूकता की घोर कमी और पुलिस की उदासीनता मुख्य कारण मानी जा रही है. ग्रामीणों को न तो साइबर अपराध की जानकारी है और न ही तकनीकी समझ, जिससे ठग आसानी से उन्हें शिकार बना लेते हैं. ठगी की शिकायत लेकर जब पीड़ित थाने पहुंचते हैं, तो अक्सर उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि यह मामला आईटी एक्ट से जुड़ा है, जिसकी जांच इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी ही कर सकते हैं. इससे पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है