गोड्डा. निष्कासित भाजपा नेता निरंजन सिन्हा ने पार्टी से निष्कासित करने पर सवाल खड़ा किया है. जिलाध्यक्ष संजीव मिश्रा पर पार्टी से निष्कासित करने का आरोप लगाया है. कहा कि उनके द्वारा पार्टी से दरकिनार करने की साजिश पहले की जा रही थी. कहा कि जिलाध्यक्ष बनने के बाद ही श्री मिश्रा इस दिशा में काम कर रहे थे. पार्टी के किसी कार्यक्रम में उनके द्वारा सूचना नहीं दी जा रही थी. विस चुनाव में भी उनको विस प्रत्याशी के द्वारा चुनाव गतिविधियों में शामिल होने के लिए नहीं कहा गया. न हीं किसी प्रकार की जानकारी दी गयी. जान-बूझकर विस चुनाव में अलग करने का काम किया गया. उलटे विस चुनाव के एक दिन पहले रात में आकर उनके आवास पर हंगामा किया गया. इसकी सूचना उनके द्वारा पार्टी के वरीय नेताओं को दी चुकी है. बताया कि पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव मेहता पर 10 लाख रुपये गटकने का मामला उनका निजी है. इसको पार्टी से नहीं जोड़ना चाहिए. बेवजह मामले को तूल दिया गया है. निजी कारणों से उनके द्वारा पैसा लिया गया. नहीं लौटाने पर देवघर में उनके द्वारा केस दर्ज कराया गया. ऐसे में पार्टी के नेताओं ने साजिश कर पार्टी से झूठे व मनगढंत आरोप लगा कर पार्टी से निष्कासित कराया गया. बताया कि विस चुनाव का हार का ठीकरा उनके माथे मढ़ कर कुत्सित राजनीति की जा रही है. बताया कि वे भाजपा के सिपाही हैं. बने रहेंगे. प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी आलाकमान के नेताओं को वे अपनी शिकायत से अवगत करा चुके हैं. भाजपा का सिपाही बनने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता.
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