नगर परिषद गोड्डा के अधीन काम कर रहे सफाईकर्मियों ने शुक्रवार को सुपरवाइजर उपेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ जोरदार हंगामा कर दिया. यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब काम के दौरान किसी बात को लेकर सुपरवाइजर और सफाईकर्मियों के बीच बहस हो गयी, जो बाद में गाली-गलौज और नारेबाजी में बदल गयी. घटना के बाद कर्मचारियों ने कचरा उठाव का कार्य रोक दिया और सुपरवाइजर के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. सफाईकर्मियों का कहना था कि बरसात के मौसम में लगातार भींगकर काम करने से कई कर्मी बीमार हो गये, जिसके बावजूद उनकी अटेंडेंस काट ली गयी.
संसाधनों का अभाव और अपमानजनक भाषा का लगाया आरोप
सफाईकर्मी संतोष महली ने बताया कि वे आकांक्षा कंपनी के तहत कई वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक उचित संसाधन जैसे बरसाती, डलिया और अन्य जरूरी उपकरण नहीं दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि कम संसाधनों में काम करना मुश्किल हो गया है, ऊपर से गाली-गलौज बर्दाश्त से बाहर है. उनका आरोप था कि जब शुक्रवार को उन्होंने बरसाती की मांग की, तो सुपरवाइजर द्वारा एक सफाईकर्मी को गाली दी गयी, जिसके बाद मामला बेकाबू हो गया.सुपरवाइजर ने किया आरोपों से इनकार
उधर, सुपरवाइजर उपेंद्र कुमार सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कर्मचारियों द्वारा ही उन्हें अपशब्द कहे गये, उन्होंने किसी को गाली नहीं दी. उनका कहना है कि मामले को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है, सच्चाई इससे अलग है. घटना के बाद नगर परिषद व कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आयी है, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. सफाईकर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द संसाधनों की व्यवस्था नहीं की गयी और व्यवहार में सुधार नहीं हुआ, तो वे काम का बहिष्कार कर सकते हैं. सवाल यह भी उठता है कि जब सफाईकर्मियों से प्रतिदिन लक्ष्य के अनुरूप कार्य की अपेक्षा की जाती है, तो उन्हें अनुकूल संसाधन और सम्मानजनक कार्य वातावरण क्यों नहीं दिया जाता.
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