हनवारा थाना क्षेत्र के विश्वासखानी के पासी टोला में महुआ शराब के निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई है. इस बार बिहार के भागलपुर सहित गोड्डा के उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम ने अभियान चलाया. कार्रवाई के दौरान टीम ने लगभग 4 हजार किलो जावा महुआ और करीब 200 किलो महुआ शराब जब्त की. बरामद शराब को टीम द्वारा कब्जे में लेकर मौके से लाया गया. यह शराब तैयार की जा चुकी थी और इसे हनवारा के रास्ते बिहार में खपाने की योजना थी, जिसे छापेमारी टीम ने विफल कर दिया. इस मामले में संलिप्त आधा दर्जन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जबकि एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. विश्वासखानी में कुल सात से आठ घरों में छापेमारी की गयी, जहां अवैध रूप से चल रही कई भट्ठियों को ध्वस्त किया गया. ये सभी गतिविधियां चोरी-छिपे संचालित की जा रही थीं, जिन पर विभाग ने शिकंजा कसा. हालांकि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध उत्पादन बिना किसी स्थानीय मिलीभगत के संभव नहीं माना जा रहा है. बिहार में आगामी कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह कार्रवाई विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है. कार्रवाई गोड्डा उत्पाद विभाग के इनपुट पर आधारित थी, क्योंकि यहां तैयार की गई शराब को भागलपुर और बांका में खपाया जाता है. चुनाव के दौरान इस शराब के दुरुपयोग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. इसी को देखते हुए झारखंड और बिहार के उत्पाद विभाग की टीमों ने मिलकर संयुक्त अभियान चलाया, जिसमें भारी मात्रा में अवैध शराब और उसके निर्माण स्थल को नष्ट किया गया. इस कार्रवाई से अवैध कारोबारियों की गतिविधियों पर गहरा असर पड़ा है.
हनवारा में भी चोरी-छिपे शराब बनाने का धंध चरम पर
सूत्रों के अनुसार, केवल विश्वासखानी ही नहीं, बल्कि हनवारा थाना क्षेत्र के कोयला हनवारा, चखचामू, मिल्की और सकरामपुर गांवों में भी यह अवैध धंधा चरम पर है. कुछ जगहों पर तो थाने से मात्र 200-300 मीटर की दूरी पर भी यह कारोबार बेरोकटोक चल रहा है. हनवारा में शाम होते ही बिहार के असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है, जो रात 10 बजे तक चलता रहता है. कार्रवाई की कमी के कारण अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं और महुआ शराब का धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है. अधिकतर कार्रवाई केवल औपचारिकता तक सीमित है, जबकि साल भर इन कारोबारियों को खुली छूट मिली रहती है.क्या कहती है उत्पाद विभाग की पुलिस
अवैध शराब का निर्माण गांव के घरों में गुप्त रूप से किया जा रहा था. स्थानीय लोगों से प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की योजना बनाई गई. टीम के पहुंचते ही ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू हुई. पुलिस टीम को देख कई अवैध कारोबारी मौके से फरार हो गए, लेकिन भारी मात्रा में जावा महुआ, शराब निर्माण के उपकरण और भट्ठियां नष्ट कर दी गयीं. इस मामले में भोलू तांती, बासकी तांती, मटर तांती, दिलीप कुमार ठाकुर, फुलचंद पंडित, विपीन पंडित और जोगेंद्र पंडित को चिन्हित किया गया है, जिन पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.
निलेश सिन्हा, दारोगा, उत्पाद विभागB
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