पोड़ैयाहाट प्रखंड अंतर्गत डांड़े पंचायत का पघराटीकर गांव बरसात के मौसम में जलजमाव और कीचड़ से बेहाल है. गांव की सड़कों की जर्जर स्थिति और कीचड़ भरे रास्तों के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव की कुल आबादी लगभग 250 है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं से यह गांव अब तक वंचित है. स्थानीय ग्रामीणों सीताराम सिंह, मुन्ना मंडल, जयपाल सिंह, शंभू मंडल, नवल सिंह और दिनेश राउत ने बताया कि गांव छोटा होने के कारण जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. पूरे गांव में आज तक एक भी पीसीसी सड़क नहीं बनी है. बारिश के दिनों में कीचड़ से रास्ते लथपथ हो जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को रोजमर्रा की गतिविधियों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
स्कूली बच्चों को भी हो रही है भारी परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि कीचड़ भरे रास्तों के कारण बच्चों को स्कूल जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार बच्चे गिरकर घायल भी हो चुके हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब गांव में सड़क निर्माण की स्वीकृति दी जाये, ताकि आम जनजीवन सामान्य हो सके.सतपहाड़ी गांव के आदिवासी टोले तक पहुंचना हुआ मुश्किल
वहीं चतरा पंचायत अंतर्गत सतपहाड़ी गांव का एक छोटा आदिवासी टोला भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है. लगभग 10–12 घरों वाले इस टोले तक पहुंचना बरसात में किसी चुनौती से कम नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि इस मौसम में वहां साइकिल से भी जाना बेहद कठिन हो जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस बार उन्हें सड़क की स्वीकृति मिलने की उम्मीद है, लेकिन जब तक स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक कीचड़ और रास्ते की खराब हालत से उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता रहेगा. सड़क निर्माण में आ रही सबसे बड़ी बाधा कुछ हिस्सों की जमाबंदी भूमि है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस बाधा को शीघ्र दूर कर सड़क निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाये जायें, ताकि वर्षों से सड़क के इंतज़ार में बैठे लोगों को राहत मिल सके.
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