जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) की ओर से शनिवार को शहर के उत्कृष्ट बालिका उच्च विद्यालय में विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष रमेश कुमार तथा सचिव दीपक कुमार ने की. कार्यक्रम में डालसा सचिव दीपक कुमार ने बाल विवाह को आधुनिक समाज के लिए एक अभिशाप करार देते हुए कहा कि इसकी रोकथाम के लिए समाज में व्यापक जन-जागरूकता की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यदि बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाये और लड़का-लड़की को समान रूप से विद्यालय भेजा जाये, तो बाल विवाह की प्रवृत्ति पर काफी हद तक लगाम लगायी जा सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय कानून के अनुसार लड़कों की विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और लड़कियों की 18 वर्ष निर्धारित है. इससे पूर्व विवाह करना या कराना दंडनीय अपराध है. इसके प्रति समाज को संवेदनशील होना होगा और जागरूकता बढ़ानी होगी. इस अवसर पर एलएडीसी चीफ संजय कुमार सहाय, लीली कुमारी और मध्यस्थ अजय कुमार साह ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी कानूनी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हैं और समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. दहेज लेना और देना दोनों ही कानूनन अपराध है, जिससे सख्ती से निपटा जाता है. कार्यक्रम का संचालन लीली कुमारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की प्रभारी नूतन कुमारी द्वारा प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में अधिकार मित्र नवीन कुमार, इंतेखाब आलम, अविनाश कुमार सिन्हा सहित विद्यालय की शिक्षिकाएं एवं छात्राएं उपस्थित थीं.
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