नालसा (नई दिल्ली) एवं झालसा (रांची) के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार की अध्यक्षता में व्यवहार न्यायालय स्थित पीडीजे कक्ष में न्यायिक पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी. बैठक में 01 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक चलने वाले विशेष मध्यस्थता अभियान की कार्ययोजना और इसके सफल क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गयी. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि यह 90 दिवसीय विशेष अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) द्वारा प्रारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों के शीघ्र एवं सौहार्दपूर्ण समाधान हेतु मध्यस्थता को बढ़ावा देना है. उन्होंने न्यायिक पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को सफल बनाने हेतु सकारात्मक पहल करें और अधिक से अधिक मामलों का निपटारा सुनिश्चित करें. इस अभियान के अंतर्गत तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालयों तक के न्यायालयों में लंबित उन मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जाएगा, जो मध्यस्थता के लिए उपयुक्त हैं. इनमें दुर्घटना दावा मामले, घरेलू हिंसा से संबंधित विवाद, चेक बाउंस प्रकरण, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली के मामले, पारिवारिक विवाद (जैसे विभाजन एवं बेदखली), भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण, अन्य सिविल एवं राजस्व विवाद शामिल हैं. बैठक में बताया गया कि संबंधित व्यक्ति अपने मामले को उस न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते हैं, जहाँ वह वर्तमान में लंबित है और मध्यस्थता का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इस अभियान का उद्देश्य न्याय तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करना, विवादों का शीघ्र समाधान एवं न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम करना है. यह पहल विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी, जो आर्थिक या सामाजिक कारणों से लंबी कानूनी प्रक्रिया में शामिल होने में कठिनाई महसूस करते हैं. मौके पर जिले के सभी न्यायिक पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
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