झारखंड राज्य में निवास करने वाली सूंडी जाति को केंद्रीय सूची में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (बीसी-1) में शामिल करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, भारत सरकार के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर को ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन विशेष रूप से झारखंड सरकार द्वारा 28 जून को जनसुनवाई हेतु जारी अधिसूचना के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया. उक्त अधिसूचना में राज्य की विभिन्न जातियों से सुझाव मांगे गये थे कि किन्हें केंद्रीय अत्यंत पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया जाना चाहिए. ज्ञापन में ममता कुमारी ने उल्लेख किया कि झारखंड में सूंडी जाति को विभिन्न क्षेत्रों में सूंडी, शूंडी, शोडींक, शुंडी चासा, शौण्डिक, सुमंडल, मंडल आदि नामों से जाना जाता है. यह जाति पारंपरिक रूप से कृषि कार्यों और दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर रही है और आज भी आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से अत्यंत पिछड़ेपन का सामना कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में यह जाति झारखंड राज्य की अत्यंत पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल है, लेकिन इसे केंद्र की सूची में भी स्थान मिलना न केवल न्यायसंगत होगा, बल्कि सामाजिक समानता की दिशा में एक आवश्यक कदम भी होगा. ज्ञापन प्राप्त करने के बाद आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने ममता कुमारी को भरोसा दिलाया कि वे इस विषय को केंद्र सरकार के समक्ष गंभीरता से उठाएंगे और आवश्यक कार्रवाई के लिए सकारात्मक पहल करेंगे.
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