स्थायी सेवा, लंबित भत्तों के भुगतान और भ्रष्टाचार पर रोक समेत अन्य मांगों को लेकर एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ का चरणबद्ध आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा. सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल महागामा परिसर में जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार के नेतृत्व में कर्मचारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार और विभाग ने एमपीडब्ल्यू कर्मियों की मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया, तो 11 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय एवं अपर मुख्य सचिव कार्यालय का घेराव किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था प्रभावित होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की होगी. उन्होंने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का स्थायीकरण : संचिका पर वित्त विभाग द्वारा लगाये गये आपत्ति का समाधान कर, प्रशासी पद वर्ग समिति से सहमति लेकर मंत्री परिषद से पारित करना, शोषण और भ्रष्टाचार पर रोक : एमपीडब्ल्यू कर्मियों के साथ हो रहे शोषण को रोकने एवं दोषी डीलिंग क्लर्क की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने की मांग, श्रावणी मेला 2016 से 2024 तक का लंबित टीए/डीए भत्ता : अविलंब भुगतान की मांग, भविष्य में मेला ड्यूटी से पूर्व ही टीए/डीए भुगतान : पूर्व व्यवस्था की बहाली शामिल हैं. जिला अध्यक्ष ने कहा कि इन मांगों को लेकर संघ कई बार विभाग और सरकार को लिखित ज्ञापन दे चुका है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है, जिससे कर्मचारी विवश होकर आंदोलन और श्रावणी मेला ड्यूटी के बहिष्कार का निर्णय ले रहे हैं. प्रदर्शन में प्रखंड अध्यक्ष असलम रिजवी, रजनीश आनंद, सफदर अली, हजरत अली, अब्दुल हक, राशिद आलम सहित कई एमपीडब्ल्यू कर्मी शामिल हुए.
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