राजमहल कोल परियोजना के लौंहांडिया पुनर्वास स्थल स्थित सामुदायिक भवन में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से गुरु पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में संघ के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति रही. इस अवसर पर आरएसएस के अमरनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज विश्व की सबसे बड़ी सांस्कृतिक संस्था बन चुकी है. संघ का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को संगठित करना और भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखना है. उन्होंने बताया कि संघ की स्थापना वर्ष 1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गयी थी. तब से लेकर आज तक संघ समाज सेवा और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
हिन्दू संस्कृति से जुड़े रहने की आवश्यकता : बमभोली पांडेय
कार्यक्रम में भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष बमभोली पांडेय ने कहा कि संघ की विचारधारा अत्यंत पवित्र और राष्ट्रहित से जुड़ी हुई है. यह सनातन धर्म और हिन्दू संस्कृति को संगठित रखने का कार्य करता है. उन्होंने कहा कि भारत की पहचान उसकी प्राचीन संस्कृति और धर्म में है और हम सभी को अपने धर्म और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए. गुरु पूजन कार्यक्रम में इतवारी, हेमंत पंडित, जयकांत भगत, आशुतोष जयसवाल, लाल बाबू लोहार, रोशन कुमार, प्रदीप तिवारी, रणबीर पांडेय, जिम्मी कुमार समेत अनेक स्वयंसेवक और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे. कार्यक्रम शांतिपूर्वक एवं श्रद्धा के वातावरण में संपन्न हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है