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रिटायरमेंट के बाद सामाजिक कार्यों में बढ़ी भागीदारी

बुजुर्गों ने दूसरों के लिए अपना जीवन किया समर्पित

जीवन की दूसरी पारी में कार्य करने वालों की कमी नहीं है. उम्र के आखरी पड़ाव में भी कई लोगों ने समाजसेवा में जीवन को झोंक दिया है. ऐसे लोगों की वजह से ही समाज में एक अलग चेतना जागृत होती है और नयी पीढ़ी को प्रेरणा मिलती हैं. जिन्होंने दूसरों के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. ऐसे ही समर्पित लोगों पर प्रस्तुत है पोड़ैयाहाट से रवि ठाकुर की रिपोर्ट.

राजीव लोचन झा : एक समर्पित शिक्षक और मार्गदर्शक

राजीव लोचन झा ऐसे प्रोफेसर हैं, जो सूरज मंडल इंटर महाविद्यालय पोड़ैयाहाट से 2025 में सेवानिवृति के बाद भी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम जारी रखा. उनकी खासियत निशुल्क ट्यूशन पढ़ाने की है. वे कहते हैं कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है. अपनी क्षमता के अनुसार बच्चों की मदद करने का प्रयास करते हैं. श्री झा ने पोड़ैयाहाट प्रखंड के प्राइवेट विद्यालय स्वामी रामतीर्थ पब्लिक स्कूल में भी प्राचार्य की भूमिका निभाया है. इस दौरान उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाई करने में मदद कर शिक्षा में सुधार करने का प्रयास किया. राजीव लोचन झा का शिक्षा के प्रति समर्पण अद्वितीय है. उनकी मानें तो शिक्षा ही समाज को बदलने का एकमात्र तरीका है. वह क्षमता के अनुसार बच्चों की शिक्षा में मदद करने का प्रयास करते हैं.

स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं गंगाधर मंडल

गंगाधर मंडल पोड़ैयाहाट प्रखंड के सांरवा गांव के निवासी हैं. मध्य विद्यालय नवडीहा से वर्ष 2005 में शिक्षक पद से सेवानिवृत्ति हुए. उसके बाद उनकी रुचि गायत्री परिवार के धार्मिक कार्यों में बढ़ गयी है. गंगाधर मंडल स्वच्छता के प्रति सजग रहते हैं. वे गांव के लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करते हैं. उन्हें पोखर, तालाब व गांव की साफ-सफाई के प्रति विशेष ध्यान रखने के लिए प्रेरित करते हैं. गंगाधर मंडल सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल है. गांव के लोगों के साथ मिलकर स्वच्छता व स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं. उनकी मेहनत और समर्पण के कारण गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य के स्तर में सुधार हुआ है. इस कार्य से गांव के लोगों में एक अलग प्रेरणा जगी है.

जयकांत सिंह : एक समर्पित शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता

पोड़ैयाहाट प्रखंड के शिवनगर गांव निवासी जयकांत सिंह शिक्षक पद से सेवानिवृत्ति होने के बाद भी सामाजिक कार्यों में योगदान देना जारी रखा है. वर्ष 2013 में सेवानिवृति होने के बाद अनुभव और ज्ञान का उपयोग समाज के लिए करने का निर्णय लिया. मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की समस्याओं का हल करना एवं आवाज़ को कानूनी रूप से हर जगह पर रखना है. महसूस किया है कि शिक्षकों को अक्सर विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. जयकांत सिंह ने समस्याओं के समाधान का काम करना शुरू किया है. श्री सिंह ने अपने सामाजिक कार्यों के माध्यम से समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है. शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए काम किया है.

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