पथरगामा प्रखंड के जगरनाथपुर आदिवासी गांव में सड़क किनारे लगाया गया सरकारी चापाकल पिछले आठ माह से मरम्मत की राह देख रहा है. मालूम हो कि चापाकल के हैंडल में खराबी है. इस वजह से चापाकल का हैंडल जमीन में गिर जाता है. फिलहाल चापाकल को चालू रखने के लिए स्थानीय ग्रामीण जुगाड़ पद्धति अपनाये हुए है. बता दें कि चापाकल के हैंडल में सीमेंट के प्लास्टिक का बोरा लगाकर किसी प्रकार से काम चलाया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि चापाकल के हैंडल का वॉशर, कलपुर्जा खराब हो जाने की वजह से चापाकल आवाज करता रहता है. इसके साथ ही पानी भी रुककर निकलता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार पीएचइडी विभाग समेत पंचायत प्रतिनिधियों को चापाकल की समस्या से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन मरम्मत की दिशा में आज तक किसी ने पहल करना उचित नहीं समझा. बताते चलें कि जगरनाथपुर आदिवासी गांव में तकरीबन 17 घर हैं, जो उक्त चापाकल पर निर्भर हैं. गांव में पानी का दूसरा कोई साधन उपलब्ध नहीं है. विशेष रूप से बुजुर्ग ग्रामीण व महिलाओं को पानी के लिए अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. ग्रामीणों के मुताबिक चापाकल के हैंडल में खराब रहने के साथ-साथ चेन व कलपुर्जों में भी खराबी है, जिसकी यथाशीघ्र मरम्मत कराये जाने की जरूरत है. ग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन से टोले के चापाकल को जल्द से जल्द मरम्मत कराए जाने की मांग की, ताकि ग्रामीणों के समक्ष पानी की समस्या दूर हो सके.
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