गोड्डा सदर अस्पताल, गोड्डा में बीते दो वर्षों में विकास के नाम पर भारी-भरकम राशि खर्च की गयी है. जिला डीएमएफटी की निधि से अस्पताल परिसर में भवन निर्माण, नाला निर्माण और सौंदर्यीकरण जैसे कार्य कराये गये. लेकिन इन कार्यों के बावजूद बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई है, खासकर जलनिकासी की. हाल ही में अस्पताल परिसर और स्टाफ क्वार्टर क्षेत्र में वर्षा जल की निकासी के लिए लगभग 1.25 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न ठेकेदारों को नाला निर्माण का कार्य सौंपा गया. हालांकि इस राशि से नालों का निर्माण तो हुआ, लेकिन वर्षा के दिनों में पानी की समुचित निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं बन सकी. परिणामस्वरूप हल्की बारिश में भी अस्पताल परिसर में पानी भर जाता है, जिससे मरीजों, तीमारदारों और कर्मचारियों को भारी असुविधा होती है.
नाले का निर्माण मनमाने ढंग से, प्रशासन की अनदेखी
स्थानीय लोगों और अस्पताल प्रशासन का आरोप है कि नाले का निर्माण गुणवत्ता विहीन और मनमाने ढंग से किया गया. निर्माण के बाद भी कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. अस्पताल प्रशासन द्वारा कई बार संबंधित विभाग को पत्राचार किया गया, लेकिन किसी भी स्तर पर गंभीरता नहीं दिखायी गयी. भवन निर्माण कार्य के बाद मलबा और अन्य अवशेष परिसर में ही छोड़ दिये गये हैं. इससे अस्पताल के भीतर जगह-जगह गंदगी और कचरे का अंबार लगा हुआ है. पार्किंग व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त है. वाहनों को अव्यवस्थित ढंग से खड़ा करना पड़ता है, जिससे आपातकालीन सेवाओं, खासकर बड़े एंबुलेंस वाहनों की आवाजाही में बाधा आती है. विकास के नाम पर करोड़ों खर्च करने के बावजूद यदि बुनियादी समस्याएं बनी रहें, तो यह जनहित की उपेक्षा भी है. गोड्डा सदर अस्पताल में जलनिकासी, साफ-सफाई और पार्किंग जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन को शीघ्र संज्ञान लेने की आवश्यकता है.सभी मामलों में सुधार हो रहा है. वर्तमान में भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है. संवेदक को कचरा हटाने के निर्देश दिये गये हैं. नाले के समीप मिट्टी के जमा हो जाने के कारण जल निकासी में बाधा उत्पन्न हो रही है. शीघ्र ही सभी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित कर दिया जाएगा.-
-डॉ. ताराशंकर झा, डीएस, अस्पतालB
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