तपती धूप व बढ़ते तापमान का असर प्रखंड क्षेत्र के नदी, पोखर, कुआं, तालाब व चापाकल पर देखने को मिल रहा है, जहां जलस्तर नीचे चले जाने से पानी के लिए हाहाकार मचता नजर आ रहा है. पीने के पानी के साथ-साथ खेतों की सिंचाई लोगों के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है. मालूम हो कि प्रखंड के घाट कुराबा पंचायत अंतर्गत पंझरार व उदयपुरा गांव के बीच पुराना लाही बांध का भी पानी सुख चुका है. स्थानीय विनोद मुनि, बमबम मुनि, देवेंद्र सिकदार, गोरेलाल, दिनेश आदि ने बताया कि लाही बांध का पानी फरवरी महीने से ही घटना चालू हो गया था, जो वर्तमान समय में लगभग पूरी तरह सूख गया है. नाद जैसे गड्ढे भर पानी लाही बांध में दिखायी पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि लाही वाण में पानी रहने से आसपास के लगभग 100 बीघा कृषि भूमि में पटवन का कार्य हुआ करता था. इसके साथ ही लोगों को स्नान व वस्त्र धुलाई जैसे कार्यों में भी सहूलियत मिलती थी. वहीं क्षेत्र के पशुपालक भी अपने मवेशियों को लाही बांध में पानी पिलाने पहुंचा करते थे, लेकिन पानी सुख जाने से अब लोगों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक विगत 13 वर्ष पूर्व लाही बांध में जैसे-तैसे खुदाई का कार्य हुआ था, इसके बाद से आजतक खुदाई का कार्य नहीं हो सका है. बता दें कि एक आंकड़े के मुताबिक पथरगामा प्रखंड के 19 पंचायतों में तकरीबन 352 पोखर व तालाब हैं जिसमें अधिकांश पोखर, तालाब का जलस्तर नीचे जा चुका है. पानी के सुख जाने से इन पोखर व तालाबों की जमीन दिखाई पड़ने लगी है. बताते चलें कि क्षेत्र के खैरबन्नी पोखर, भांजपुर पोखर, चिहारो पहाड़ का बाबाजी पोखर, लखनपहाड़ी पोखर, घाट कुराबा पोखर समेत कुछ ही पोखरों में पानी बचा नजर आ रहा है हालांकि इन पोखरों का भी जलस्तर सामान्य दिनों की तुलना में घटा हुआ है.
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