हूल क्रांति के महानायक सिदो-कान्हू की याद में रविवार को गोड्डा शहर स्थित कारगिल चौक पर हूल दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी. इस दौरान उपायुक्त अंजली यादव, पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार एवं डीडीसी दीपक कुमार दुबे ने सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. अपने संबोधन में डीसी अंजली यादव ने कहा कि सिदो-कान्हू न सिर्फ आदिवासी समुदाय के बल्कि समूचे भारत के वीर सपूत थे. उन्होंने 1855-56 में ब्रिटिश हुकूमत, साहूकारों और जमींदारों के शोषण के खिलाफ विद्रोह कर इतिहास रच दिया था. इस क्रांति में उनके भाइयों चांद-भैरव और बहनों फूलो-झानो का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा. एसपी मुकेश कुमार ने कहा कि संथाल विद्रोह ने आजादी की लड़ाई को नयी दिशा दी. तोप-गोलियों के मुकाबले तीर-धनुष से लड़े इन वीरों ने साहस और संगठन का अनुपम उदाहरण पेश किया. इस अवसर पर डीडीसी दीपक कुमार दूवे, डीएफओ पवन बाघ, एसी प्रेमलता मुर्मू, जिला सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी अभय कुमार झा, डीपीआरओ आशीष कुमार, खेल पदाधिकारी प्राण महतो, डीएसओ पूर्णिमा कुमारी, डीएसई दीपक कुमार और सीओ ऋषिराज समेत कई अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे. वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी एसटी मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुशील टुडू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आदिवासी महिला-पुरुषों का जत्था हूल दिवस के अवसर पर भोगनाडीह के लिए रवाना हुआ. गोड्डा से सुंदरपहाड़ी होते हुए जत्था ऐतिहासिक स्थल भोगनाडीह की ओर बढ़ा, जहां से 1855 में सिदो-कान्हू ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हूल क्रांति की शुरुआत की थी. रवाना होने से पहले प्रतिभागियों ने वीर सिदो-कान्हू की शौर्य गाथा को याद करते हुए नारे लगाये और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया. इस अवसर पर डब्लू भगत सहित भाजपा के कई स्थानीय नेता भी मौजूद थे.
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