गुमला. सदर अस्पताल में बुधवार को अचानक शिशु बाह्य ओपीडी बदल दिया गया. ओपीडी का कक्ष अस्पताल मैनेजर के कक्ष में बदली करने से बच्चों को दिखाने वाली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. उक्त परिसर काफी छोटा है. साथ ही उसी परिसर से सदर अस्पताल गुमला के वार्ड नंबर 124, 125 व आइसीयू में आवागमन करना पड़ता है. अगर सड़क हादसे में कोई मृत हो गया, तो उसी रास्ते से उसे लेकर शव गृह में जाना पड़ता है. सभी बच्चों की मां अचानक सदर अस्पताल गुमला में इस बदलाव से अचंभित थी. बताते चलें कि सदर अस्पताल गुमला में चिकित्सक डॉक्टर राहुल देव उरांव की ओपीडी ड्यूटी होने पर शिशु मरीजों की संख्या अधिक रहती है, जिससे परेशानी बढ़ जाती है. सदर अस्पताल गुमला 100 शैय्या वाला अस्पताल है. लेकिन यहां ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या लगभग एक हजार तक है. इस कारण स्थल छोटा व अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐसी व्यवस्था देना मरीजों के परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. सिविल सर्जन डॉक्टर शंभुनाथ चौधरी ने कहा कि एक जगह शिशु, महिला, दंत, टीकाकरण, फिजिशियन व सर्जन ओपीडी होने से मरीजों की संख्या अधिक हो रही थी. इस निमित मैंने सदर अस्पताल परिसर स्थित अपने कार्यालय को खाली कर अस्पताल मैनेजर के कमरे को अपने कार्यालय में शिफ्ट कर दिया है. वहीं अस्पताल मैनेजर के कार्यालय को शिशु ओपीडी में तब्दील किया गया है. मैंने सुविधा के नाम पर ऐसी व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो. शुरुआत में एक दो दिन समस्या होगी, जिसे शीघ्र दूर कर दिया जायेगा. शीघ्र पुर्जा जमा कर टोकन के माध्यम से शिशुओं की जांच की जायेगी.
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