गुमला. गुमला जिले के सिसई प्रखंड स्थित कुदरा गांव में ग्रामीणों ने धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर एक आपात बैठक कर कड़ा फैसला लिया है. बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि कोई परिवार या व्यक्ति अपना धर्म बदलता है, तो उस परिवार का गांव में हुक्का-पानी बंद कर दिया जायेगा. साथ ही ऐसे परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करते हुए उन्हें गांव से बाहर कर दिया जायेगा. बैठक में गांव के हर घर से कम से कम एक प्रतिनिधि की उपस्थिति रही. ग्रामीणों का कहना है कि हाल के दिनों में बाहरी लोग गांव में आकर गरीब, असहाय और अशिक्षित लोगों पर धर्मांतरण का दबाव बना रहे हैं, जिससे गांव का वातावरण अशांत हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोग परती जमीन पर अवैध रूप से धार्मिक स्थल बना कर भोले-भाले आदिवासियों को बीमारी ठीक करने और अन्य प्रलोभनों के माध्यम से धर्म बदलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. गांव के निवासी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि यह गतिविधियां गांव की शांति व संस्कृति के लिए खतरा हैं. उन्होंने प्रशासन से इन मामलों में सख्त कार्रवाई करने की मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने गांव की परंपरा, संस्कृति व सामाजिक ताने-बाने की रक्षा के लिए यह कठोर कदम उठा रहे हैं. ग्रामीण उदय कुशवाहा ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने अवैध धर्मांतरण गतिविधियों पर रोक नहीं लगायी, तो सिसई प्रखंड में व्यापक आंदोलन किया जायेगा. बैठक में समाजसेवी मुकेश श्रीवास्तव, रोहित शर्मा, सौरव ताम्रकार, जयराम उरांव, सुनीता देवी, छोटेलाल ताम्रकार समेत सैकड़ों पुरुष, महिलाएं, पाहन, पुजार उपस्थित थे. सभी ने गांव की एकता व सांस्कृतिक पहचान को बनाये रखने की अपील की.
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