26.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कोरोना इफेक्ट : तमिलनाडु से लौटी बेटियों को घर में रखने से किया इन्कार, गांव के सुनसान घर में ली शरण

कोरोना संकट के कारण तमिलनाडु से गुमला जिले के जिरमी गांव पहुंचीं दो प्रवासी मजदूर बेटियां आज अपने ही घर में बेगानी हो गयी हैं. घरवालों ने घर में रखने से मना कर दिया है. घरवालों के विरोध के कारण दोनों बेटियां पिछले 5 दिनों से गांव के एक खाली पड़े घर में रहने को विवश हैं.

गुमला : कोरोना संकट के कारण तमिलनाडु से गुमला जिले के जिरमी गांव पहुंचीं दो प्रवासी मजदूर बेटियां आज अपने ही घर में बेगानी हो गयी हैं. घरवालों ने घर में रखने से मना कर दिया है. घरवालों के विरोध के कारण दोनों बेटियां पिछले 5 दिनों से गांव के एक खाली पड़े घर में रहने को विवश हैं.

गुमला जिला के घोर उग्रवाद प्रभावित चैनपुर प्रखंड के कुरूमगढ़ थाना अंतर्गत जिरमी गांव की दो प्रवासी मजदूर बेटियां लीलमुनी कुमारी व सुषमा कुमारी कमाने के लिए तमिलनाडु गयी थी. कोरोना महामारी (Corona pandemic) से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन में तमिलनाडु में काम नहीं मिलने के कारण दोनों प्रशासन के सहयोग से गत 8 मई को चैनपुर लौटीं. जहां दोनों का स्वास्थ्य जांच के बाद चैनपुर के कोरेंटिन सेंटर में रखा गया. इसके बाद दोनों को प्रशासन उनके गांव भेज दिया गया.

कोरेंटिन सेंटर से जैसे ही दोनों बेटियां अपने- अपने घर पहुंचीं. घर वालों ने उन्हें घर में प्रवेश करने नहीं दिया. घरवालों ने दोनों को घर से कुछ दूरी पर रोककर पानी दिया और गांव में खाली पड़े एक घर में रहने के लिए भेज दिया. यहीं दोनों बेटियां पिछले 5 दिनों से रह रही हैं.

Also Read: मुंबई से लौटे झारखंड के प्रवासी श्रमिक ने होम कोरेंटिन में लगायी फांसी, 1100 लोगों की आबादी वाले गांव में शव को कंधा देने नहीं आये चार लोग

दोनों युवतियों से बात करने पर बताया कि तमिलनाडु में एक फैक्ट्री में काम करती थी. लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण वापस गांव लौटना पड़ा. लेकिन, वापस गांव लौटने पर घर वालों ने भी घर में रखने से इंकार कर दिया. मजबूरी में खाली पड़े घर में रहना पड़ रहा है. पिछले 5 दिनों से खाली घर में ही रह रहे हैं और खुद से खाना बनाकर खा रहे हैं. कुआं या चापानल में पानी भी भरने के लिए नहीं जाने दिया जाता है. पानी की जरूरत घर वाले ही पूरी कर रहे हैं. घर वाले पानी लाकर कुछ दूरी पर रख देते हैं.

गांव घुसने से रोका, स्कूल में लिया शरण

एक अन्य मामले में गुमला प्रखंड के रेकमा गांव के एक दर्जन प्रवासी मजदूरों को अपने ही गांव में घुसने नहीं दिया गया. जिससे सभी मजदूर गांव के स्कूल में 10 दिनों से शरण लिए हुए हैं. ये मजदूर राजस्थान से लौटे हैं. प्रशासन ने इन्हें होम कोरेंटिन में 14 दिनों तक रहने का आदेश दिया है. जब ये मजदूर अपने गांव पहुंचे, तो ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया.

दूसरे राज्य से आये लोगों को गांव में घुसने पर पाबंदी लगा दी है. जितने भी लोग बाहर से आ रहे हैं. उन्हें स्कूल में रहने का फरमान जारी किया गया है. स्कूल में रह रहे मजदूरों ने कहा कि यहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. मच्छर काट रहा है. शौचालय, पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. जिस कारण ये लोग गांव के नदी में नहाने जाते हैं. मजदूरों ने कहा कि अगर हमें स्कूल में ही रखना है, तो स्कूल में हमें व्यवस्था दें. नहीं तो हमें घर जाने दें.

Posted By : Samir ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel