आंधी-तूफान और फॉल्ट से सप्लाई बाधित, ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बदतरगुमला. गुमला जिले में बीते कुछ दिनों से बिजली आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गयी है. हल्की बारिश व हवा के झोंकों में भी बिजली काट दी जाती है, जिससे आमलोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है. जिले के 12 प्रखंडों और अतिरिक्त क्षेत्रों में बिजली सप्लाई की जिम्मेदारी संभाल रहे बिजली विभाग ने खराब मौसम और तकनीकी फॉल्ट को इसका मुख्य कारण बताया है. कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिंह ने बताया कि गुमला जिले में 32 मेगावाट बिजली की जरूरत है और आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में हो रही है. समस्या ट्रांसफॉर्मर व पोल में खराबी, पेड़ों के गिरने और आंधी-तूफान के चलते बार-बार हो रहे फॉल्ट से उत्पन्न हो रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिजली की कटौती पावर की कमी से नहीं, बल्कि सुरक्षा कारणों से की जाती है।
प्रखंडवार बिजली आपूर्ति की स्थिति
बिशुनपुर में हल्की बारिश में भी बिजली सप्लाई बंद हो जाती है. उपभोक्ताओं को दिन में 2-4 घंटे और रात में 6-8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. इससे घरेलू और व्यवसायिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं.कामडारा: तेज बारिश और वज्रपात से बिजली सप्लाई बंद. कई इलाकों में अब तक बहाल नहीं हुई है आपूर्ति. सिसई में यहां स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है. रोजाना औसतन 18 घंटे बिजली मिल रही है, सिर्फ तकनीकी खराबी या मरम्मत के दौरान सप्लाई बाधित होती है. भरनो में यहां लगभग 16 घंटे बिजली मिल रही है. दिन में 6 घंटे और रात में 10 घंटे बिजली रहती है. बारिश के कारण कभी-कभी पूरी रात बिजली नहीं रहती है. रायडीह में मौसम में लगातार बदलाव से बिजली की आंख-मिचौनी बनी हुई है, जिससे लोग उमस और गर्मी से परेशान हैं. जारी में हालात बेहद खराब हैं. कई गांवों में सप्ताह भर से बिजली गुल है. क्षेत्र में सिर्फ 5-6 घंटे ही बिजली मिल रही है. तेज आंधी में गिरे पोल अब तक ठीक नहीं किये गये हैं. बसिया में शहरी क्षेत्र में 12-18 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 8-12 घंटे बिजली मिल रही है. आंधी में तार टूटने और पोल गिरने से सप्लाई बाधित हो रही है. किसी एक गांव में खराबी होने पर पूरी लाइन काटनी पड़ती है.
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