गुमला. गुमला से मात्र 10 किमी दूर कोयनारा गांव के लोसय नदी में पुल नही होने से बारिश के मौसम में दर्जनों गांवों के लोग टापू में रहने को विवश हैं. उक्त नदी से होकर दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन होता है. लेकिन पुल के अभाव में वे जिला मुख्यालय तक सफर नहीं कर सकते हैं. अधिक बारिश होने पर नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे ग्रामीणों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है और वे अपने गांव में टापू में कैद हो जाते हैं. उक्त बातें आजसू जिलाध्यक्ष दिलीप नाथ साहू ने कही. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक उक्त नदी में पुल का निर्माण नहीं हो सका है. इससे बरसात के दिनों में कोयनारा, अंबाटोली, बड़कटोली, नदीटोली, जामटोली, चरकाटांगर, कानाटोली, चानेटोली, सेमरटोली, हरदी टोली, कोलांबी, डीपाटोली, फुटकल टोली, गिंडरा गांव के ग्रामीण वर्षा के समय नदी में पानी का जल स्तर बढ़ जाता है, जिससे सभी गांव गुमला मुख्यालय से कट जाते हैं. कहा कि कितनी बार स्थानीय विधायक, सांसद या अन्य जनप्रतिनिधि को लिखित आवेदन दिया गया. साथ ही कितनी बार गुमला जिला प्रशासन को भी लिखित आवेदन दिया गया, परंतु कोई सुनने वाला नहीं है.
हाथी ने तीन घरों को किया क्षतिग्रस्त
बसिया. थाना क्षेत्र के जगजोर गांव में बुधवार रात करीब आठ बजे अचानक एक हाथी घुस आया. हाथी ने माघो सिंह व मुकुल सिंह के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथी के गांव में घुसते अफरा-तफरी मच गयी. काफी मशक्कत के बाद भी हाथी भागने का नाम नहीं ले रहा था. इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी. लेकिन वन विभाग के पदाधिकारियों के पहुंचने से पूर्व ग्रामीणों ने वाहनों की लाइट जला कर हाथी को भगाने में कामयाब हो गये. इसके बाद हाथी भाग कर लोटवा पतराटोली गांव में सोनिया उरांव के घर को भी तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथी के अचानक गांव में घुसने व उत्पात मचाने से लोगों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथी को भगाने की मांग की है. पीड़ित परिवार ने मुआवजा की गुहार लगायी है.
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