गुमला. गुमला जिले में लगातार हो रही बारिश से कुआं, नदी और तालाबों पूरा भर गये हैं. बीते पांच महीनों जनवरी से मई के दौरान जिले में डूबने की घटनाओं में अब तक 48 लोगों की जान जा चुकी हैं. मृतकों में पुरुष, महिलाएं, किशोर, युवतियां और स्कूली बच्चे तक शामिल हैं. जिले के हर हिस्से में तालाब, नदियां और कुएं लबालब भर चुके हैं. नदियां उफान पर हैं और गड्ढों में भी पानी भरा हुआ है, जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं. गुमला सदर अस्पताल से प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मई तक डूबने से मौत के 48 मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि जून और जुलाई (15 जुलाई तक) के आंकड़े अभी सामने नहीं आये हैं. डॉक्टर अनुपम किशोर (डीएस, गुमला सदर अस्पताल) ने बताया कि इन डेढ़ महीनों का आंकड़ा आने के बाद मौतों की संख्या और बढ़ सकती है.
हाल के दिनों में घटी दर्दनाक घटनाएं
14 जून: नवाटोली गांव में नदी में नहाने के दौरान आरोही खलखो (10) की डूबने से मौत.14 जून: सिसई के धुरी उरांव (35) की नदी में डूबने से मौत.
23 जून: जलका केनटोली निवासी भिखइन उरांइन (65) की शादी से लौटते समय पानी भरे गड्ढे में डूबने से मौत.25 जून : कुंबाटोली तेलगांव निवासी मंगरा उरांव (65) की कुएं में गिरने से मौत.
27 जून: नागफेनी गांव की रीतू उरांव (13) की डेमडे नाले में डूबने से मौत, बकरी चराते वक्त सहेलियों संग नहाने गयी थी.डूबने से हुई मौतों का मासिक आंकड़ा
जनवरी 06फरवरी 11
मार्च 11अप्रैल 09मई 11कुल 48
प्रशासन और अभिभावकों से अपील
बारिश के इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को जल जमाव वाले क्षेत्रों से दूर रखें. खास कर स्कूली बच्चे तालाब, नदी, डैम या कुएं के पास न जायें. अभिभावक सतर्क रहें और बच्चों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें. जल स्रोतों के आसपास चेतावनी बोर्ड लगवाने और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है