गुमला. करमटोली मैदान स्थित केंद्रीय विद्यालय गुमला में सात दिवसीय भारतीय भाषा (कुड़ुख) ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन मंगलवार को हुआ. समापन कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्या शीला तिग्गा व शिक्षक विमल टोप्पो द्वारा दीप जला कर किया गया. विद्यालय द्वारा कुडुख व सादरी भाषा का चयन किया गया एवं शिविर में दोनों भाषाओं के प्रयोग से संबंधित जानकारी दी गयी. इसमें झारखंड के आदिवासी समुदाय की भाषा कुड़ुख से बच्चों को रूबरू कराया गया और उन्हें इस भाषा की वर्णमाला से लेकर संवाद लेखन, नाटक, कहानी और कविता आदि लिखने और बोलने के विभिन्न रोचक गतिविधियों द्वारा सिखाया गया. शिक्षक विमल टोप्पो ने नाटक, संदीप द्वारा यातायात के नियम, अमनदीप द्वारा स्थानीय व्यंजन बनाना, रंजीत उरांव द्वारा खेल गतिविधियां और ललित राम उरांव द्वारा कुड़ुख गीत सिखाया गया.
आवेदन सौंप बालू उठाव पर रोक लगाने की मांग
गुमला. सिसई प्रखंड अंर्गत बरगांव के मकुंदा में कोयल नदी से अवैध तरीके से हो रही बालू उठाव पर रोक लगाने की मांग को लेकर गांव के ग्रामीणों ने उपायुक्त गुमला को आवेदन सौंपा है. आवेदन में ग्रामीणों ने कहा है कि कोयल नदी से बालू की निकासी ट्रैक्टर द्वारा धड़ल्ले से की जा रही है और बालू को डंप कर हाइवा गाड़ी से ढुलाई की जा रही है. इस कारण ग्राम बरगांव मंडल से लेकर ग्राम मकुंदा पहाड़टोली तक का रास्ता बद से बदतर हो गया है. उक्त रास्ता लगभग साढ़े चार किमी लंबा है, जो पूरी कच्चा है. उसी रास्ते पर बालू बालू लोड हाइवा गाड़ी के चलने से रास्ता खराब हो गया है. रास्ता खराब होने से आवागमन करने में परेशानी होती है. सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को होती है. गांव में कोई व्यक्ति यदि बीमार पड़ जाये, तो खराब रास्ते के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकती है. बालू निकासी व ढुलाई का विरोध करने पर बालू माफियाओं द्वारा जेल भिजवाने की धमकी दी जाती है.
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