गुमला. गुमला सदर अस्पताल के सभी वार्ड मरीजों से पूरी तरह भर चुके हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने मजबूरी में बरामदे में भी अतिरिक्त बेड लगाने शुरू कर दिये हैं. स्थिति ऐसी हो गयी है कि मरीजों को वार्ड में बेड नहीं मिल रहा, जिससे उनके परिजन बेहद परेशान हैं और बेड दिलवाने के लिए सिफारिशें तक कर रहे हैं. गर्मी के बाद अचानक हुई बारिश से मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे अस्पताल पर दबाव और बढ़ गया है. ज्ञात हो कि गुमला सदर अस्पताल 100 शैय्या वाला है, लेकिन प्रतिदिन औसतन 250 मरीज भर्ती रह रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन वैकल्पिक उपाय कर मरीजों का इलाज किसी तरह कर रहा है.
हर वार्ड के बरामदे में लगाये गये अतिरिक्त बेड
गुमला एक आदिवासी बहुल जिला है, जहां दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं. सोमवार को प्रभात खबर की टीम ने जब अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया, तो वार्ड संख्या 125 में 32 की जगह 43 बेड पाये गये. वहीं वार्ड संख्या 124 में भी बेड की संख्या 33 से बढ़ा कर 43 कर दी गयी है. फिलहाल अस्पताल के हर वार्ड में एक्सीडेंट, बुखार, पेट दर्द, उल्टी, हाइड्रोसिल, महिला और नवजात बीमारियों से ग्रसित मरीज भर्ती हैं. अस्पताल प्रबंधन के पास अब जगह की भारी कमी है. अगर जल्द जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं.
डीएस डॉ सुनील राम ने कहा
हमारा अस्पताल 100 शैय्या वाला है, लेकिन फिलहाल 230 से अधिक मरीज भर्ती हैं. हमारे पास जहां जगह मिलती है, वहां बेड लगा कर इलाज कर रहे हैं. वरीय अधिकारियों को स्थिति की जानकारी है, लेकिन अब तक भवन विस्तार नहीं किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि बारिश शुरू होते ही डायरिया, लूज मोशन, उल्टी आदि बीमारियों के मरीजों की संख्या और बढ़ेगी, जिससे स्थिति विकराल रूप ले सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है