Gumla News | दुर्जय पासवान: गुमला सदर अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में कल मंगलवार को खराबी आ गयी, जिससे अस्पताल प्रबंधन के बीच हड़कंप मच गया. एसएनसीयू वार्ड में 28 नवजात शिशु भर्ती थे और की स्थिति नाजुक थी. बच्चों की नाजुक स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल सभी 28 शिशुओं को इमरजेंसी में रांची रिम्स रेफर कर दिया है. देर शाम करीब 7:30 बजे तक 14 शिशुओं को एंबुलेंस से रांची ले जाया गया. जबकि 14 शिशुओं को देर रात तक रांची ले जाया गया.
एसएनसीयू में नहीं पहुंच रहा इलेक्ट्रिक करंट
जानकारी के अनुसार एसएनसीयू के वार्मर में इलेक्ट्रिक करंट नहीं जाने के कारण मशीन काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण सभी बच्चों को रांची रेफर कर दिया गया है. इस संबंध में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रुद्र कुमार ने कहा कि एसएनसीयू में समय से पूर्व जन्म लिये शिशु व लो बर्थ वेट के शिशु होते है. एसएनसीयू में रखकर उनका समुचित डिवाइसों की मदद से इलाज किया जाता है. लेकिन, एसएनसीयू की बिजली सप्लाई व्यवस्था के कारण डिवाइस काम नहीं कर रहा है. इसलिए सभी बच्चों को रेफर किया गया. रेफर करने वालों में ऑक्सीजन, फोटोथेरिप व सेमसिस के बच्चे हैं, जिन्हें उक्त डिवाइस की अत्यंत आवश्यकता है.
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अगले आदेश तक बंद रहेगा एसएनसीयू
गुमला के सिविल सर्जन डॉ शंभूनाथ चौधरी ने कहा कि बिजली सप्लाई में बाधा आने के कारण एसएनसीयू का डिवाइस काम नहीं कर रहा है. बच्चों की जान बचाने के लिए रेफर करना जरूरी था. इस निमित सभी को रेफर कर दिया गया है. वहीं इंजीनियर से बात हो गयी है. बुधवार की सुबह सदर अस्पताल गुमला पहुंचकर उसे दुरूस्त किया जायेगा. अगले आदेश तक एसएनसीयू बंद रहेगा.
परिजनों को हुई परेशानी
इधर, एक मरीज के पिता शिवम कुमार ने कहा कि मंगलवार को अस्पताल में उसके शिशु का जन्म हुआ है. परंतु, उसे एसएनसीयू वार्ड में रखा गया था. देर शाम को पता चला कि शिशु को रांची ले जाना है. पूछने पर पता चला कि गुमला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में तकनीकी खराबी आ गयी है. इसलिए गुमला अस्पताल में शिशुओं को रखना सुरक्षित नहीं है. उन्हें तुरंत रांची भेजना होगा.
एसएनसीयू को जल्द ठीक करें प्रबंधन : शिशिर
गुमला के समाज सेवी शिशिर कुमार गुप्ता ने कहा है कि अस्पताल प्रबंधन से अनुरोध है कि एसएनसीयू की खराबी को जल्द दुरुस्त किया जाये. क्योंकि, कमजोर शिशुओं के जन्म के बाद डिवाइस में रखना जरूरी है. गुमला अस्पताल में हर दिन शिशुओं का जन्म हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि अस्पताल के एसएनसीयू को समय से पहले ठीक कराया जाये. ताकि शिशुओं के इलाज में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
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