डुमरी. आरसी बालिका मवि नवाडीह रजावल में शनिवार को संत अन्ना पर्व मनाया गया. मुख्य अतिथि सुपीरियर माता सिस्टर फ्लोरा ने कहा कि आज हमलोग संत अन्ना संस्था का 129वां स्थापना दिवस मना रहे हैं. संत अन्ना माताओं की संरक्षिका है. संत अन्ना धर्म संघ की स्थापना रांची मांडर की चार बहनों ने मिल कर 1857 ईस्वी में किया गया था, जिसमें माता मेरी, माता बेरनादित, माता सिसिलिया, माता बेरोनिका इन चारों बहनों ने मिल कर संस्था स्थापना की. इसमें मुख्य काम समाज व मानव सेवा करने का निर्णय लिया गया. जिस तरह से संस्था की हमारी धर्मबहनें उस समय समाज व लोगों सेवा एवं शिक्षित करने में जो रुचि दिखायी थी. उसका अनुसरण करते हुए हमें भी आज लोगों को शिक्षित व समाज सेवा करने को प्रेरित करती हैं. जैसा कि हमने माता संत अन्ना से सीखा है कि माता संत अन्ना ईश्वर के प्रति समर्पित थी और उपवास, प्रार्थना व दूसरों को परमेश्वर के वादों की सच्चाई बताने के माध्यम से निष्ठापूर्वक सेवा करती थी. परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते के विश्वास के माध्यम से उन्होंने सच्ची समृद्धि पायी और पूरी दुनिया में शिक्षा, समाज व मानव सेवा को बढ़ाने के लिए काम किया. इससे पूर्व में फादर पिंगल कुजूर की अगुवाई में मिस्सा पूजा करायी गयी. मौके पर सिस्टर वेरनासिया किड़ो, सिस्टर दिव्या केरकेट्टा, सिस्टर ललिता, सिस्टर सिसिलिया, सिस्टर निली, सिस्टर भूषण, फादर ब्यातुष किंडो, फादर अलविस आदि मौजूद थे.
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