6 गुम 37 में घाघरा में रथ खींचते लोग 6 गुम 38 में सिसई के नागफेनी में रथ खींचते 6 गुम 39 में बिशुनपुर में रथ खींचते लोग गुमला. जिले के सभी 12 प्रखंडों में रविवार को महाप्रभु जगन्नाथ की घुरती रथ यात्रा श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुई. यह अवसर वह होता है जब भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा नौ दिन के प्रवास के बाद मौसीबाड़ी से अपने मुख्य मंदिर लौटते हैं. जैसे ही रथ यात्रा शुरू हुई, बारिश भी होने लगी, मानो भगवान की विदाई पर स्वयं प्रकृति भी भावुक हो उठी हो. बारिश में भींगते हुए भक्तों ने रथ खींचा और प्रभु को उनके देवालय तक पहुंचाया. घाघरा: परंपरा और भक्ति का संगम घाघरा प्रखंड मुख्यालय में रथ यात्रा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई. रथ को दुर्गा मंदिर मौसीबाड़ी से चांदनी चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर लाया गया. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाओं को विधिवत स्थापित किया गया. भजन, कीर्तन और भक्ति संगीत से वातावरण भक्तिमय हो गया. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. सिसई (नागफेनी): बारिश में भी नहीं डिगा उत्साह सिसई प्रखंड के नागफेनी गांव में भी रथ यात्रा निकाली गयी. भारी बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह देखने लायक था. मौसीबाड़ी में विधिवत पूजा के बाद भगवानों को रथ पर सवार कराया गया और वे मुख्य मंदिर लौटे. मौके पर थानेदार संतोष कुमार सिंह, एसआइ अजय कुमार, अनिल पंडा, तारकेश्वर साहू, महावीर साहू, नारायण साहू, बसंत साहू समेत अन्य मौजूद थे. बिशुनपुर: बनारी और बिशुनपुर में उमड़ा जनसैलाब बिशुनपुर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथ पर सवार होकर मुख्य मंदिर लौटे. बनारी और बिशुनपुर दोनों स्थानों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. रथ की रस्सी खींचने के लिए लोग उमड़ पड़े. पुजारी मुन्नू पंडित और टेमन दास ने बताया कि नौ दिन के प्रवास के बाद प्रभु का आगमन हुआ. मौके पर अनीश सिंह, दीपक सिंह, संतोष साहू, प्रदीप उरांव, खेलावन साहू, दुबराज बैठा, कौशल किशोर सिंह, मनोरंजन उपाध्याय सहित काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे. यह रथ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक है, जो हर वर्ष लोगों को जोड़ती है.
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