गुमला. सदर प्रखंड के मुरकुंडा में सोमवार को तीन दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा शुरू हुई. कार्यक्रम में पहले दिन कथावाचक प्रदीप शास्त्री जी महाराज जी अपने प्रवचन में कहा कि जब मन विचलित हो, तो श्रीमद्भागवत की शरण में जाये. ज्ञान, भक्ति वैराग्य के बारे बताया. श्रीमद्भागवत कथा मानव जीवन का सार है. जब हमारा मन विचलित हो, पीड़ित हो, भ्रमित हो, चंचल हो तो ऐसी स्थिति में हमें सब कुछ त्याग कर श्रीमद्भागवत के शरण में चले जाना चाहिए. सत्संग के अनुशरण मात्र से ही हमारा कल्याण हो जाता है व हमारे सारे संकट दूर हो जाते हैं. कथा के बाद भंडारा में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. मौके पर पार्वती देवी, प्रदीप साहू, अनुराधा देवी, सुगम मिश्रा, विनय साहू, राजेंद्र साहू, गीता देवी, गुड्डू पाठक मौजूद थे.
जतरा में दिखती है हमारी संस्कृति व सभ्यता
भरनो. प्रखंड की करौंदाजोर पंचायत के कोयजाली तिर्राडीह गांव के राजी पड़हा समिति के तत्वावधान में ऐतिहासिक जेठ जतरा का आयोजन किया गया. जतरा में आसपास के दर्जनों गांवों के लोग सरना झंडा के साथ शामिल हुए. जतरा का शुभारंभ सरना झंडा स्थापित करते हुए पूजा की गयी. जतरा कमेटी के अध्यक्ष गोपी मुंडा ने कहा कि वर्तमान समय में हमारी युवा पीढ़ी हमारी संस्कृति व सभ्यता को भूलती जा रही हैं, जिसे पुनर्जीवित रखने के लिए जेठ जतरा का आयोजन किया जाता हैं. संरक्षक बिरसा उरांव व विनोद मुंडा ने कहा कि अंधविश्वास, नशापान, डायन बिसाही जैसी कुरीति दिमाग में घर कर गयी हैं, जिसका त्याग कर अपने बच्चों को शिक्षित करें, तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगा. कहा कि जतरा में हमारी संस्कृति व सभ्यता की झलक देखने को मिलती है. जेठ जतरा में शामिल खोड़हा दल के सदस्यों को जतरा कमेटी की ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. मौके पर राजेश मुंडा, फूलमनी मुंडाइन, अनिमा उरांव, विनम पुष्पा लकड़ा, आकाश लकड़ा, फागों उरांव, अभिषेक उरांव मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है