गुमला. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा गुमला की सभा पालकोट रोड स्थित रौनियार धर्मशाला में मंगलवार को हुई. सभा के बाद बाद राज्य सरकार द्वारा झारखंड आंदोलनकारियों को पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने के प्रति आभार यात्रा निकाल कर धन्यवाद दिया. साथ ही उत्तराखंड की तर्ज पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य सभी सुविधाएं राजकीय मान-सम्मान के साथ देने की मांग की गयी. आभार यात्रा रौनियार धर्मशाला से उपायुक्त कार्यालय तक निकाल कर आंदोलनकारी मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. आंदोलनकारी ने संकल्प लिया कि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष कभी छोड़ेंगे नहीं. न्याय के साथ सम्मान स्वाभिमान के साथ जीने मरने व अपने बाल-बच्चों के अधिकारों को लेकर रहेंगे और अलग राज्य के मूल्यों को स्थापित कर के रहेंगे. मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि गुमला झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग संघर्ष व बलिदान की धरती है. गुमला जिले के आंदोलनकारियों के संघर्ष व शहादत से झारखंड की अलग पहचान स्वतंत्र अस्तित्व बना है. विशिष्ट अतिथि केंद्रीय कोषाध्यक्ष सरोजिनी कच्छप ने कहा कि सभी आंदोलनकारी गोल बंद होकर संगठन को मजबूत बनायें एवं कोष की व्यवस्था पंचायत से प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर करें. दक्षिणी छोटानागपुर प्रजामंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने कहा कि हमारा झारखंड संघर्ष व शहादतों की धरती है, जिसे कलंकित नहीं होने देंगे. राज्य सरकार आंदोलनकारियों के प्रति उदार भाव से सभी अधिकार व सुविधाएं देने का कार्य करें. अध्यक्षता गुमला जिलाध्यक्ष खोरस केरकेट्टा व धन्यवाद ज्ञापन सोमारी देवी ने की. मौके पर अंथन लकड़ा, सुबोध कुमार लकड़ा, सुजीत कुमार राम, अल्फ्रेड आइंद, जुबेर अंसारी, सुजाता टोप्पो, विजय उरांव, प्रकाश खलखो, इशाक लकड़ा, कोलेस्तान टोप्पो, किशोर गिद्द, सुनील केरकेट्टा, तेलिस्फोर आइंद, मनोज वर्मा, प्रभा मिंज, सीता देवी, मिनी बाडा, भोला नाथ सिंह, रतिया इंदवार, सुषमा मिंज, मंजू मिंज आदि आंदोलनकारी मौजूद थे.
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