गुमला. उपविकास आयुक्त सह अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा कोषांग) गुमला ने गुमला जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों (भरनो को छोड़) के बीडीओ को पत्र जारी कर मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में प्रखंड स्तर से मनरेगा में निबंधित वेंडरों (आपूर्तिकर्ता) को किये गये भुगतान का नियमानुसार रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की राशि जमा करा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. यदि निर्धारित अवधि तक रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की राशि जमा नहीं की जाती, तो संबंधित वेंडर को काली सूची में डालते हुए उसके विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों के मनरेगा वेंडरों द्वारा मनरेगा योजनाओं में बालू, चिप्स, ईंट, बोल्डर, पत्थर आदि की आपूर्ति की गयी है. इसके एवज में वेंडरों को नियमानुसार राशि का भुगतान किया गया है. उक्त भुगतान की गयी राशि के एवज में वेंडरों को रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की राशि जमा करना है. उपविकास आयुक्त सह अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा कोषांग) गुमला द्वारा पूर्व में सभी बीडीओ को पत्र जारी कर वेंडरों से रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी जमा कराने का निर्देश गया है. लेकिन न तो वेंडरों द्वारा राशि जमा की जा रही है और न ही संबंधित प्रखंड के बीडीओ द्वारा राशि जमा कराने में रुचि ली जा रही है, जिससे सरकार को सीधे तौर पर राजस्व का नुकसान हो रहा है. इधर, पत्र में उल्लेखित है कि प्रखंड स्तर पर चयनित मनरेगा वेंडरों को विभिन्न योजनाओं में बीडीओ की देख-रेख से राशि का भुगतान किया जाता है. उक्त भुगतान की जांच निदेशक लेखा प्रशासन व स्वनियोजन डीआरडीएस गुमला की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय जांच दल द्वारा कराया गया है. जांच के बाद सभी बीडीओ को वेंडरों से बकाया राशि की वसूलने के लिए पत्र लिखा गया है. लेकिन वेंडरों से अब तक बकाया राशि की वसूली संबंधित प्रतिवेदन अप्राप्त है. सभी बीडीओ को जल्द बकाया राशि की वसूली कर प्रतिवेदन अद्योहस्ताक्षरी कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है