गुमला. रौनियार धर्मशाला में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा गुमला का सम्मेलन हुआ. सम्मेलन के बाद प्रतिनिधमंडल ने उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र के माध्यम से राजकीय मान-सम्मान, अलग पहचान, पुत्र-पुत्रियों को रोजी रोजगार एवं नियोजन की गारंटी करने व जेल जाने की बाध्यता को समाप्त कर सभी को सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये देने की सरकार से की गयी. आंदोलनकारियों को मेडिकल, समूह बीमा, यात्रा कूपन वगैरह का लाभ देने राज्य में समता जजमेंट लागू कर रॉयल्टी का अधिकार 26 प्रतिशत देने की मांग की गयी है. अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के अधिकारों पर हमले को रोकने व जिला खनिज फंड का सदुपयोग आदिवासी क्षेत्रों में करने की मांग की गयी. मुख्य अतिथि मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि आंदोलनकारी अपने संघर्ष से सम्मान व बच्चों के अधिकार लेकर रहेंगे. सब्र का बांध टूट रहा है व आंदोलनकारी नीति छूट रहे हैं. अपने अधिकारों की रक्षा के लिए फिर से आंदोलनकारी एक संग्राम के लिए तैयार हो रहे हैं. आठ अगस्त को शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर झारखंड आंदोलनकारी अपने बाल-बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्वाभिमान के साथ जीने मरने का एक बड़ा संकल्प लेने के लिए बाध्य हुए हैं. केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी के संघर्ष व शहादत के बाद राज्य बना है. राज्य व मुख्यमंत्री का सम्मान झारखंड आंदोलनकारियों के कारण है. सरकार आंदोलनकारियों को समान रूप से सम्मान देने का काम करें. केंद्रीय कोषाध्यक्ष सरोजिनी कच्छप ने कहा कि अलग राज्य बनाने वालों का अस्तित्व व अस्मिता खतरे में है. यह दुर्भाग्य की बात है. दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने कहा कि राज्य बने दो दशक पार करने के बाद भी आंदोलनकारी उपेक्षित हैं. अल्बर्ट तिग्गा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र हेमंत सोरेन को हम आंदोलनकारियों के मान-सम्मान की रक्षा के लिए चुनाव जीतने व मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने का काम किया है. अब हेमंत सोरेन अपना वादा पूरा करें. मौके पर खोरस केरकेट्टा, अंथन लकड़ा, पुनई उरांव, आश्रित कुजूर, प्रतिमा कुजूर, इंद्रदेव उरांव, तिग्गा, बेरनार्ड मिंज, प्रकाश खलखो, सुनीता किंडो, नीलू देवी, विजय उरांव, किशोर गिद्ध, कोलास्तान केरकेट्टा, विराज कुजूर, प्रभा मिंज, जगदीश लकड़ा, सोमरा उरांव, बंधु उरांव, सफीरा लकड़ा, विमल बाड़ा, निर्मला बाड़ा, गंदूर उरांव, निर्मल कुजूर, मनोज टोप्पो, सुखदेव उरांव, जेम्स उरांव, पैट्रिक उरांव, प्रबल सुसज्जित कुजूर, राजकुमार राम, जोगी नगेसिया, रामचंद्र उरांव, किशोर गिद्ध, अन्न सेलेम एक्का, धन बारस बेक आदि मौजूद थे.
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