गुमला. जिला प्रशासन गुमला के तत्वावधान में कार्तिक उरांव कॉलेज ऑडिटोरियम गुमला में डिजिटल रक्षा पाठशाला कार्यक्रम हुआ. इसमें जिले भर से 1000 से भी अधिक स्कूली विद्यार्थियों, पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों, वीएलइ, समाज कल्याण विभाग के कर्मियों व डिजिटल सेवा से जुड़े लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित व एसपी हारिश बिन जमां, डीडीसी दिलेश्वर ममहतो, अपर समाहर्ता गुमला शशिंद्र कुमार बड़ाइक समेत अन्य ने दीप जला कर किया. उपायुक्त ने कहा कि डिजिटल साक्षरता को जन जागरूकता से जोड़ना समय की जरूरत है. उपायुक्त ने बताया कि जन शिकायतों में ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार होनेवाले कई लोग आते हैं. ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया बहुत जटिल व लंबी होती है. लेकिन जैसे बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है. उसी तरह साइबर अपराधों से बचने के लिए भी सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है. उपायुक्त ने बताया कि उन्हें एक बार तत्काल टिकट बुकिंग के नाम पर फर्जी लिंक प्राप्त हुआ था, जिस पर क्लिक करने से उनका डिवाइस हैक हो सकता था. उपायुक्त ने कहा कि फेक न्यूज भी एक प्रकार का साइबर अपराध है. यह समाज में भ्रम फैलाता है और कई बार लोगों को मानसिक व सामाजिक नुकसान पहुंचाता है. इसलिए ऐसे मामलों से बचने की जरूरत है, ताकि हम ठगे जाने से बचे. संचालन डीएमएफटी फेलो अविनाश पाठक ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में राजीव रौशन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, इडीएम आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
आपके डेटा की सुरक्षा आपके हाथ में है : एसपी
एसपी हारिश बिन जमां ने बताया कि साइबर अपराधी अब केवल ओटीपी ही नहीं, बल्कि लिंक, वॉयस सैंपल व फोटो तक का उपयोग कर धोखाधड़ी कर रहे हैं. इसलिए आपके डेटा की सुरक्षा आपके हाथ में है. कोई भी संदेहास्पद कॉल, मैसेज या लिंक मिलने पर तुरंत नजदीकी थाना में सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें. अपर समाहर्ता शशिंद्र कुमार बड़ाइक ने कार्यक्रम आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डिजिटल रक्षा पाठशाला सिर्फ जागरूकता का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने की एक गंभीर कोशिश है. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जिले में पहली बार इस पैमाने पर आयोजित किया गया है.साइबर सुरक्षा से जुड़ी जटिल विषयों की दी गयी जानकारी
डिजिटल विशेषज्ञों के पैनल के शुभांगी शिफा (असिस्टेंट मैनेजर एंड ट्रेनी, साइबर पीस) देशबंधु मिश्रा (गूगल डेवलपर ग्रुप, रांची) विवेक सिंह (आइटी मैनेजर एंड सीइओ) और सुनील कुजूर (प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर, साइबर पीस) ने सरल भाषा में साइबर सुरक्षा से जुड़ी जटिल विषयों के संबंध में लोगों को जानकारी दी. साथ ही सतर्कता बरतने की बात कही. साइबर अपराध की शिकायतें सीधे नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) अथवा संपर्क नंबर 9570000066 पर करने की अपील की. बताया कि बहुत सारी फर्जी वेबसाइट मूल वेबसाइटों की हूबहू नकल बना कर लोगों को ठगने का काम करती है. इस दौरान लोगों को लाइव डेमो के माध्यम से दिखाया गया कि अगर कोई साइबर फ्रॉड हो जाये, तो ऑनलाइन शिकायत कैसे की जाती है. साथ ही साइबर क्राइम से जुड़े कई वीडियो का भी फुटेज दिखाते हुए जागरूक किया गया.साइबर क्राइम से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
अज्ञात लिंक या वेबसाइट पर क्लिक नहीं करें. यह आपके मोबाइल या कंप्यूटर को हैक कर सकता है. ओटीपी, पासवर्ड या बैंक संबंधी जानकारी किसी से साझा नहीं करें, चाहे वह स्वयं को बैंक कर्मचारी ही क्यों न बतायें. फर्जी कॉल या व्हाट्सएप मैसेज में लॉटरी, इनाम या फ्री ऑफर की बातों पर विश्वास नहीं करें. सोशल मीडिया पर साझा की गयी हर जानकारी सत्य नहीं होती है. इसलिए बिना पुष्टि के फेक न्यूज को आगे नहीं बढ़ायें. अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें और मजबूत पासवर्ड रखें, जिसमें अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह हो. अपने फोन या डिवाइस में नॉट इंटरेस्टेड जैसे विकल्प चुनें, ताकि अनावश्यक कंटेंट न आये. साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करायें. गुमला में उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर साइबल सेल 7909098129, साइबर पीस हेल्पलाइन 9570000066, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है