बिशुनपुर. बिशुनपुर प्रखंड के समदरी गांव के आलोक पन्ना ने अपनी मेहनत और लगन से जेपीएससी में सफलता प्राप्त कर परिवार, प्रखंड व जिले का नाम रोशन किया है. आलोक ने कम संसाधनों के बावजूद सफलता प्राप्त की है, जो उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति व समर्पण को दर्शाता है. आलोक पन्ना की मां तारामणि देवी ने बताया कि आलोक चार भाई बहनों में सबसे छोटा है. सबसे बड़ा बेटा अशोक पन्ना, अरुण पन्ना, बहन कांता पन्ना व सबसे छोटा आलोक पन्ना है. वर्ष 2016 में आलोक के पिता कृष्णा पन्ना का देहांत हो गया. इसके बाद घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी और वह किसी प्रकार घर का अनाज बेच कर व रिश्तेदारों से उधार लेकर अपने सभी बच्चों का भरण-पोषण व पढ़ाई करायी. इस दौरान आलोक के सबसे बड़े भाई अशोक पन्ना का रेलवे स्टेशन मास्टर में नौकरी लगी. बड़े बेटे की नौकरी लगने के बाद घर का स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ. सभी लोग की पढ़ाई लिखाई जारी रही. आलोक का प्राथमिक शिक्षा नेताजी मेमोरियल आर्फोस आवासीय स्कूल घाघरा से हुई. इसके बाद वह जवाहर नवोदय विद्यालय मसरिया घाघरा में उत्तीर्ण हुआ. वहीं से 2011 में मैट्रिक व 2013 में इंटर का परीक्षा पास की. इंटर में उत्तीर्ण होने के बाद 2016 में संत जेवियर कॉलेज रांची से स्नातक व रांची यूनिवर्सिटी से पीजी की पढ़ाई पूरी की और वह जेपीएससी की तैयारी में लग गया. वर्ष 2018 में वह दारोगा में चयनित हुआ. इसके बाद भी आलोक ने अपनी पढ़ाई जारी रखा. क्योंकि उसे और आगे बढ़ना था. पिछले जेपीएससी की भी परीक्षा उसने दी थी, परंतु असफल रहा और दूसरे प्रयास में वह जेपीएससी में सफलता हासिल कर झारखंड प्रशासनिक सेवा में चयनित हो गया है. इधर, आलोक की सफलता पर पूरे परिवार के लोग काफी खुश हैं. उन्होंने अपनी सफलता के पीछे अपनी मां और पूरे परिवार व गुरुजनों को श्रेय दिया है. आलोक पन्ना के जेपीएससी की परीक्षा में सफल होने पर बिशुनपुर बीडीओ सुलेमान मुंडरी, प्रमुख राजलक्ष्मी उरांव, जिप सदस्य पवन उरांव, शिक्षक सुखदेव उरांव, सुधीर तिग्गा, अशोक भारती, मणि कुमार सिन्हा अनिल भगत, सीताराम खेरवार, प्रभु प्रकाश उरांव, केदार साहू, लक्ष्मी नारायण साहू समेत अन्य लोगों ने बधाई दी है. आलोक पन्ना ने क्षेत्र के विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि जो विद्यार्थी शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं, वे सर्वप्रथम नशा व मोबाइल से दूर रहें. क्योंकि यह दोनों राह भटकाते हैं. तैयारी करनी है, तो किताब के ही माध्यम से करें. आपकी कड़ी मेहनत व लगन से ही आपको सफलता मिलेगी.
कोई ट्यूशन नहीं, सेल्फ स्टडी से मिली सफलता
गुमला. शहर के पालकोट रोड सरनाटोली निवासी सुरसांग भगत की बेटी मीना अरुणा मिंज ने जेपीएससी की परीक्षा पास कर ली है. उसका चयन वित्त सेवा में हुआ है. अरुणा अभी एसएस प्लस प्लस टू विद्यालय बिशुनपुर में शिक्षिका है. कड़ी मेहनत के बाद अपने पहले ही प्रयास में मीना ने सफलता प्राप्त की है. इससे परिवार के सदस्यों में खुशी है. मीना के पिता सुरसांग भगत रिटायर्ड कर्मचारी हैं. वे गुमला उपायुक्त कार्यालय से रिटायर्ड हुए हैं. मीना का बड़ा भाई दीपक मिंज भी प्रशासनिक अधिकारी हैं. मीना अरुणा मिंज ने बताया कि उसका चयन वित्त सेवा में हुआ है. वह गुमला के बरटोली स्थित नेट्रोडैम स्कूल से मैट्रिक तक पढ़ी है. स्नातक संत जेवियर कॉलेज रांची से की है. स्नातक में गोल्ड मेडलिस्ट रही है. बॉटनी सब्जेक्ट से ऑनर्स की है. इससे पहले मीना अरुणा का लैब असिस्टेंट में चयन हुआ था. इसके बाद प्लस टू टीचर में चयन हुआ. वर्तमान में प्लस टू टीचर के रूप में कार्यरत है. सबसे बड़ी बात की बिना किसी प्रकार की कोई कोचिंग नहीं की है. सेल्फ स्टडी से और इंटरनेट से स्टडी कंटेंट की तैयारी की. इसके अलावा मीना ने अपने बड़े भाई दीपक मिंज से मार्गदर्शन लेकर पढ़ाई की है. मीना ने कहा है कि माता, पिता, गुरुजनों के आशीर्वाद से मुकाम पायी हूं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है