Hazaribagh News | हजारीबाग, आरिफ: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय के मुख्यालय हजारीबाग में 7 महीने से बंदोबस्त पदाधिकारी का पद खाली है. 31 जनवरी को इंदू बाला गुप्ता (बंदोबस्त पदाधिकारी) सेवानिवृत्ति हुई हैं. इसके बाद 1 फरवरी से बंदोबस्त पदाधिकारी का पद खाली है. 30 जून को सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मुख्यालय) चमरू महली भी सेवानिवृत हो गए.
38 में से 37 पद पड़े हैं खाली
प्रमंडलीय बंदोबस्त कार्यालय की स्थापना 1995 में हुई है. इसके अधीन हजारीबाग के अलावा चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़ एवं बोकारो छह जिला शामिल है. यहां एक बंदोबस्त पदाधिकारी दो प्रभारी पदाधिकारी, 15 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं 20 कानूनगो (फील्ड कर्मी) को मिलाकर 38 पद है. इसमें मात्र एक सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सुनामी मिंज कार्यरत हैं. शेष 37 पद खाली पड़ा हुआ है.
सभी 6 जिलों में जमीन सर्वे का कार्य ठप
बताया गया है कि बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं रहने से सभी छह जिलों में जमीन के सर्वे का कार्य ठप है. कार्यालय में कोर्ट का कार्य प्रभावित है. वहीं, छह जिले के रैयत अपने-अपने जमीन से जुड़ी दस्तावेज जैसे खाता, खतियान, नक्शा सहित जरूरी कागजात की मांग को लेकर प्रतिदिन कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है. हजारीबाग जिले में बड़कागांव, चुरचू, बरही, बरकट्ठा, चौपारण, रामगढ़ जिले में गोला, मांडू एवं बोकारो जिले में चंद्रपूरा जैसे जगहों पर बंदोबस्त पदाधिकारी के रहते तस्दीक शिविर (इसमें आपत्ती व धारा 83, 89 शामिल) चालू किया गया था. अब बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं रहने से नियमतः तस्दीक शिविर को बंद रखना है.
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खतियान के नाम पर हो रही पैसे की उगाही
सात महीने के भीतर आयुक्त पवन कुमार के हस्तक्षेप बाद कुछ तस्दीक शिविर को बंद भी किया गया है. वहीं, कुछ जगहों पर तस्दीक शिविर अभी भी चालू है. आरोप है कि बंदोबस्त कार्यालय के कुछ वरीय कर्मचारी तस्दीक शिविर का संचालन करने में जुटे हैं. रैयतों को उल्टे सीधे पाठ पढ़ाकर खाता-खतियान के नाम पर पैसे की उगाही हो रही है. कई कर्मी (मुनसरिन, परिमाप निरीक्षक एवं सर्वेयर) नियम विरुद्ध अपने गृह अंचल में तस्दीक शिविर एवं धारा 83 में कार्य को अंजाम देने में लगे हैं. जो जांच का विषय है.
सबसे अधिक रामगढ़ जिला प्रभावित
बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं होने से सबसे अधिक रामगढ़ जिला प्रभावित है. छह जिले में रामगढ़ के पतरातु अंचल में सर्वे कार्य को अंतिम रूप दिया गया है. 1932 के बाद नियमतह 50 वर्षों में रिविजनल के तौर पर पतरातु अंचल में शामिल 55 से 60 गांव का सर्वे कार्य पूरा किया गया है. बताया गया है कि रैयतों के बीच नये खाता-खतियान बांटने की तैयारी हो चुकी है. लेकिन बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं होने से तैयारी पर पानी फिर गया है.
कार्यालय कर्मियों के दो महीने का वेतन लंबित
प्रधान लिपिक मनीष मोहन दास ने बुधवार को बताया बंदोबस्त पदाधिकारी के पदस्थापन को लेकर राज्स्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग में प्रक्रिया तेज है. कहा बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं होने से सभी 6 जिले में सर्वे का कार्य ठप है. वहीं, आयुक्त के निर्देश बाद सभी जगहों पर तस्दीक शिविर बंद भी किया गया है. श्री दास ने कहा बंदोबस्त पदाधिकारी के नहीं होने से कार्यालय कर्मियों का दो महीने का वेतन लंबित हो गया है. सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मुख्यालय) की सेवानिवृत्ति बाद जून एवं जुलाई में लगभग 80 कर्मचारियों का वेतन नहीं बना है. इसमें 56 सरकारी, 19 दैनिक एवं 5 आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल है. दैनिक कर्मियों का मानदेय मार्च से लंबित हो गया है. आउटसोर्सिंग कर्मियों को जनवरी 2025 से पैसे का भुगतान बंद है. उन्होंने कहा नियम विरुद्ध शिविर चालू रखने व रैयतों से सर्वे के नाम पर किसी प्रकार से पैसे की वसूली का आरोप निराधार एवं बेबुनियाद है.
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