मादक पदार्थों की रोकथाम व जागरुकता को लेकर कार्यशाला आयोजित संवाददाता, जामताड़ा, झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से समाहरणालय सभागार में मादक पदार्थों की रोकथाम व जागरुकता को लेकर जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ डीसी रवि आनंद ने किया. इस अवसर पर डीसी ने कहा कि पंजाब और मणिपुर नशा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है. वहां की मानव संपदा प्रभावित हो रहा है. उन्होंने झारखंड के युवाओं को पंजाब की इस स्थिति से सीख लेने की नसीहत दी. कहा कि भारत में 65% आबादी युवा हैं और युवा ही भारत के प्रगति का स्तंभ हैं, जब युवा नशे का शिकार होंगे, तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं रह सकेगा. ऐसी स्थिति में एक स्वस्थ व विकसित समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है. उन्होंने नशे के कारण होने वाली बीमारी जैसे कैंसर, लीवर सिरोसिस आदि जानलेवा बीमारी से सचेत रहने को कहा. डीसी ने जामताड़ा, झारखंड और भारत को नशा मुक्त समाज निर्माण के लिए सभी को वास्तविक रूप से पहल करने की अपील की. वहीं डीडीसी निरंजन कुमार ने कहा कि नशा मुक्त समाज निर्माण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक प्रेरक की भूमिका निभानी होगी. अगर हम बच्चों को सही दिशा दिखा सके तो आने वाली पीढ़ियां स्वस्थ और मजबूत होगी. कार्यशाला को आइटीडीए परियोजना निदेशक जुगनू मिंज, डीएसपी संजय कुमार सिंह, डीपीआरओ पंकज कुमार रवि, सिविल सर्जन डॉ आनंद मोहन सोरेन, डीइओ चार्ल्स हेम्ब्रम, डीएसइ विकेश कुणाल प्रजापति ने भी संबोधित किया. मास्टर ट्रेनरों ने निषेध मादक पदार्थ की रोकथाम से संबंधित प्रशिक्षण दिया. जिले के विभिन्न उच्च विद्यालयों से आए शिक्षकों और सीआरपी को जागरूक किया. डीसी की उपस्थित प्रतिभागियों ने नशामुक्त भारत निर्माण की शपथ ली. साथ ही डीसी, डीडीसी ने नशा मुक्ति के लिए जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मंच संचालन शिक्षक विद्या सागर ने किया. मौके पर एडीपीओ मनोज कुमार, बीइइओ सर्किल मरांडी, मिलन कुमार घोष, बीपीओ सावित्री किस्कू आदि मौजूद थे.
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